प्रतिक्रिया | Sunday, July 06, 2025

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सशक्त ग्रामीण समुदायों के बिना विकसित भारत संभव नहीं : केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी

केंद्रीय ग्रामीण विकास और संचार राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने कहा कि “विकसित भारत” का सपना तब तक पूरा नहीं हो सकता जब तक हमारे ग्रामीण समुदाय सशक्त नहीं होंगे। उन्होंने यह बात गोवा के मीरामार में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) की क्षेत्रीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब हमारे गांव समृद्ध होते हैं, तब भारत समृद्ध होता है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिवर्तनकारी सोच के अनुरूप प्रधानमंत्री आवास योजना समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान की भावना को साकार करती है।

उन्होंने बताया कि यह योजना केवल एक नीति भर नहीं है बल्कि इससे लाखों लोगों को आशा मिली, सपनों को ठोस रूप मिला और परिवारों को असुरक्षा से सुरक्षा की ओर लाया गया। उन्होंने बताया कि इस योजना का लक्ष्य मार्च 2029 तक 4.95 करोड़ मकान बनाना है। अभी तक 3.90 करोड़ लक्ष्य तय किए गए हैं, 3.69 करोड़ मकानों को मंजूरी दी जा चुकी है और 2.76 करोड़ मकान पूरे हो चुके हैं। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि यह बदलाव सिर्फ घर के निर्माण तक सीमित नहीं है। सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण को उज्ज्वला योजना, जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन जैसी प्रमुख योजनाओं से जोड़ रही है ताकि केवल घर नहीं बल्कि एक संपूर्ण और सुरक्षित जीवन-परिसर तैयार हो। अब हर ग्रामीण परिवार को साफ पानी, शौचालय और स्वच्छ ईंधन जैसी सुविधाएं भी मिल रही हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार की सोच केवल ईंट और सीमेंट तक सीमित नहीं है। ग्रामीण भारत में मिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए एक कुशल कारीगरों की फौज तैयार कर रही है। यह सच्चे अर्थों में आर्थिक सशक्तिकरण है जहां रोजगार, विशेषज्ञता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिल रहा है। पेम्मासानी ने बताया कि सरकार अब “ग्रीन हाउसिंग” की दिशा में भी काम कर रही है, जहां पर्यावरण के प्रति जागरूकता और किफायती निर्माण एक साथ हों। इसके अलावा, लाभार्थी चयन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रयोग कर पारदर्शिता लाई जा रही है ताकि सहायता सिर्फ जरूरतमंदों को मिले।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार अब स्थानीय आकांक्षाओं को वैश्विक जिम्मेदारियों से जोड़ रही है। सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के अनुरूप हर गांव को वैश्विक प्रगति में सहभागी बनाया जा रहा है। साथ ही, माइक्रोफाइनेंस को ग्रामीण सपनों और अवसरों के बीच एक पुल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि लोग अपने सपनों को साकार कर सकें।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “अमृत काल” में सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं है, बल्कि गुणवत्ता, स्थिरता और दीर्घकालिक प्रभाव की बात है। नवाचार, डेटा और समावेशी वित्त पोषण के जरिए ग्रामीण भारत को एक नई दिशा दी जा रही है। हर परिवार जो कच्चे घर से पक्के घर में शिफ्ट हो रहा है, वह भारत के बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस अवसर पर गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, राज्य के ग्रामीण विकास, संस्कृति और खेल मंत्री गोविंद गावडे तथा केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।-(PIB)

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आखरी अपडेट: 6th Jul 2025