दूरसंचार विभाग ने सोमवार को ‘दूरसंचार (डिजिटल भारत निधि के प्रशासन) नियम, 2024’ अधिसूचित किए। इस संबंध में संचार मंत्रालय द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की गई। इसमें बताया गया है कि इन नए नियमों का उद्देश्य ‘डिजिटल भारत निधि’ पहल के प्रबंधन और कार्यान्वयन को बेहतर बनाना है, जिसे दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 24(1) के तहत स्थापित किया गया है।
बदलते तकनीकी समय में ‘डिजिटल भारत निधि’ से हो सकती है मदद की जरूरत
भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के तहत बनाई गई यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) को अब दूरसंचार अधिनियम, 2024 की धारा 24(1) के तहत ‘डिजिटल भारत निधि’ के रूप में पेश किया गया है और यह अब उन नए क्षेत्रों को संबोधित करता है, जिन्हें बदलते तकनीकी समय में ‘डिजिटल भारत निधि’ से मदद की आवश्यकता हो सकती है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया- ‘सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक’
वहीं इस संबंध में केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने एक्स (X) पर एक पोस्ट में नए नियमों को टेलीकॉम सेवाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करने और भारत के विकसित राष्ट्र बनने के मिशन को मजबूत करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।
2047 तक विकसित भारत के मिशन को मजबूत करने की प्रतिबद्धता
केवल इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा, “@DoTIndia (दूरसंचार विभाग) को यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि टेलीकॉम अधिनियम 2023 के पहले नियम, ‘डिजिटल भारत निधि’ अब प्रभावी हो गए हैं। यह हमारे द्वारा टेलीकॉम सेवाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करने और 2047 तक विकसित भारत के मिशन को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
समाज के कमजोर वर्गों के लिए दूरसंचार सेवाएं बेहतर बनाने के लिए होगा काम
नियमों के तहत डिजिटल भारत निधि से प्राप्त फंड का इस्तेमाल उन परियोजनाओं में किया जाएगा, जिनका उद्देश्य पिछड़े और दूरदराज के क्षेत्रों में और समाज के कमजोर वर्गों, जैसे कि महिलाएं, विकलांग व्यक्ति और आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए दूरसंचार सेवाओं को बेहतर बनाना है।
डिजिटल भारत निधि के तहत परियोजनाओं का उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करना
डिजिटल भारत निधि के तहत योजनाओं और परियोजनाओं को शुरू करने के मानदंडों में नवाचार, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना, स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकास और संबंधित बौद्धिक संपदा का प्रचार क्षमता निर्माण और विकास के लिए शिक्षाविदों, शोध संस्थानों, स्टार्ट-अप और उद्योग के बीच सेतु का निर्माण करना और दूरसंचार क्षेत्र में टिकाऊ और हरित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना शामिल है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करना है।
डिजिटल भारत निधि के तहत वित्त पोषित योजनाओं और परियोजनाओं को नियमों में निर्दिष्ट एक या अधिक मानदंडों को पूरा करना होगा। इनमें दूरसंचार सेवाओं, जिसमें मोबाइल और ब्रॉडबैंड सेवाएं और दूरसंचार उपकरण शामिल हैं।
बता दें कि दूरसंचार अधिनियम, 2023 को संसद ने दिसंबर 2023 में पारित किया था, इसे 24 दिसंबर 2023 को भारत के राष्ट्रपति की स्वीकृति मिली और उसी दिन इसे सरकारी राजपत्र में प्रकाशित किया गया था।