लोकसभा और राज्यसभा में बुधवार को भी विपक्ष के हंगामे के चलते कामकाज प्रभावित रहा। लोकसभा में कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर बाद हंगामे के चलते इसे 12:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। वहीं, दूसरी और राज्यसभा में कार्यवाही पहले 11:30 बजे और बाद में दिनभर तक के लिए स्थगित कर दी गई। संसद के इस शीतकालीन सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा होनी है लेकिन विपक्ष अपने अड़ंगे लगाने और हंगामा करने से बाज नहीं आ रहा है।
शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन
गौरतलब हो, संसद के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है लेकिन कार्यदिवस के रूप में आज दूसरा दिन है। इससे पहले कल मंगलवार को ‘संविधान दिवस’ के रूप में दोनों ही सदनों की कार्यवाही को संयुक्त बैठक के रूप में तब्दील कर दिया गया था।
केंद्र सरकार को थी सदन चलने की उम्मीद
ऐसे में सरकार को यह उम्मीद थी कि जो कार्य उन्होंने लिस्टेड रखें हैं उनको कम से कम आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी, क्योंकि बीते दिन में विपक्ष की भूमिका जिस प्रकार से रही थी उससे सरकार को यह लगा था कि शायद कुछ काम आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। लेकिन राज्यसभा और लोकसभा दोनों ही सदनों में शोर-शराबा और हंगामा देखने को मिला। इसकी वजह से लोकसभा में कार्यवाही 12:00 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। वहीं दूसरी और राज्यसभा में कार्यवाही पहले 11:30 बजे और बाद में दिनभर तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
राज्यसभा में भी कार्यवाही करनी पड़ी स्थगित
बुधवार को राज्यसभा में सदन की कार्रवाई प्रारंभ होने के कुछ देर बाद ही विपक्ष ने नियम 267 के तहत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग की। सभापति ने इस मांग को अस्वीकार कर दिया। इसके कारण विपक्षी सांसद सदन में हंगामा करने लगे और सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने के कुछ देर बाद ही स्थगित करनी पड़ी।आम आदमी पार्टी के एक सांसद ने दिल्ली की कानून व्यवस्था और राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते अपराधों पर पर चर्चा करने की मांग सदन के समक्ष रखी।
वहीं सुष्मिता देव, राघव चड्ढा, त्रिरूची शिवा, संतोष कुमार पी जैसे विपक्षी सांसदों ने मणिपुर हिंसा को लेकर चर्चा की मांग की। डॉ जॉन बिटास, ए ए रहीम, प्रोफेसर रामगोपाल यादव और अब्दुल वहाब ने उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा और उसके बाद उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की मांग की।विपक्ष के ये सांसद चाहते हैं कि सदन की अन्य कार्यवाहियों को स्थगित करके इन विषयों पर चर्चा कराई जाए। विपक्षी सांसद नियम 267 के तहत चर्चा की मांग कर रहे थे। हालांकि सभापति जगदीप धनखड़ ने सांसदों की इस मांग को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया और इसके चलते सदन की कार्यवाही 11 बजकर 30 मिनट तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।इससे पहले जब सोमवार को संसद का शीतकालीन सत्र प्रारंभ हुआ था तब भी राज्यसभा में विपक्षी सांसद मणिपुर हिंसा समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग करते दिखे थे। मणिपुर और उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा के मुद्दे पर चर्चा के लिए कई विपक्षी सांसदों ने बुधवार को भी राज्यसभा के सभापति को नोटिस दिया था।
विपक्षी सांसद सदन के अन्य कार्यों को स्थगित करके इन विषयों पर विस्तृत चर्चा की मांग कर रहे थे। सभापति ने सांसदों की इस मांग को अस्वीकृत कर दिया। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह पहले भी नियम 267 के तहत चर्चा पर अपना निर्णय दे चुके हैं, वही निर्णय वह दोबारा दोहरा रहे हैं।बुधवार को भी यही नजारा राज्यसभा में देखने को मिला। सभापति के फैसले से नाराज विपक्षी सांसद अपने स्थानों पर खड़े हो गए और चर्चा की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। गौरतलब है कि सभापति सांसदों से सदन में अच्छा आचरण करने का निवेदन कर चुके हैं। (इनपुट-आईएएनएस)