विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से फोन पर बात की। यह बातचीत जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद हुई, जिसमें कई निर्दोष पर्यटक घायल हुए थे। जयशंकर ने लावरोव से कहा कि इस हमले के दोषियों, उनके मददगारों और योजना बनाने वालों को सजा मिलनी चाहिए। दोनों नेताओं ने भारत-रूस के बीच चल रहे सहयोग और आने वाले समय में होने वाली बैठकों पर भी चर्चा की।
गौरतलब 22 अप्रैल को पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में आतंकियो ने पर्यटकों पर हमला कर दिया था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर में सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। हमले की शुरुआत में जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली थी, लेकिन बाद में उन्होंने इससे इनकार कर दिया।
वहीं हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए। अटारी बॉर्डर का चेक पोस्ट बंद कर दिया गया, पाकिस्तानियों को दी जाने वाली सार्क वीजा छूट योजना को रोका गया, और पाक नागरिकों को 40 घंटे के भीतर देश छोड़ने को कहा गया। भारत और पाकिस्तान के उच्चायोगों में स्टाफ की संख्या भी घटाई गई। भारत ने पाकिस्तान के सभी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए, इसके साथ ही, पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की उड़ानों के लिए भारत ने अपना हवाई क्षेत्र भी बंद कर दिया।
जवाब में पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी व्यापारिक रिश्ते रोक दिए। इसमें उन देशों के साथ व्यापार भी शामिल है जो पाकिस्तान के रास्ते भारत से जुड़ते हैं। साथ ही, भारत की फ्लाइट्स को पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से उड़ने से रोक दिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 अप्रैल को एक अहम सुरक्षा बैठक की। उन्होंने सेना को पूरी आजादी दी कि वो हमले का जवाब कैसे और कब देना है, इसका फैसला खुद करें। इससे साफ है कि सरकार इस हमले को लेकर बहुत गंभीर है।