प्रतिक्रिया | Sunday, November 17, 2024

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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने 25 साल बाद स्वीकारी गलती, कहा- ‘हमने भारत के साथ हुए लाहौर समझौते को तोड़ा था’

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आखिरकार 25 साल बाद अपनी गलती को स्वीकार कर लिया है। दरअसल, नवाज शरीफ ने यह मान लिया है कि इस्लामाबाद में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ किए गए लाहौर समझौते का पाकिस्तान ने 1999 में उल्लंघन किया था। 

28 मई 1998 को पाकिस्तान ने पांच परमाणु परीक्षण किए थे

यह बात नवाज शरीफ ने कल पीएमएलएन के जनरल काउंसिल मीटिंग में कही। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस मीटिंग में खुलकर माना कि 28 मई 1998 को पाकिस्तान ने पांच परमाणु परीक्षण किए थे। उसके बाद वाजपेयी साहब पाकिस्तान आए और हमारे साथ एक समझौता किया। हमने उस समझौते का उल्लंघन किया, ये हमारी गलती थी। 

1999 को दोनों देशों के बीच शांति और स्थिरता बनाने के लिए किया था लाहौर समझौता

लाहौर समझौता वह समझौता था जिसे नवाज शरीफ और अटल बिहारी वाजपेयी ने 21 फरवरी 1999 को दोनों देशों के बीच शांति और स्थिरता बनाने के लिए किया था। हालांकि पाकिस्तान ने कुछ ही समय बाद कारगिल में घुसपैठ पर इसका उल्लंघन कर दिया। पाकिस्तान की इसी घुसपैठ की वजह से कारगिल युद्ध हुआ था। 

पाकिस्तान ने कारगिल में घुसपैठ कर किया था इस समझौते का उल्लंघन

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने प्रतिद्वंद्वी इमरान खान पर भी हमला बोला। नवाज शरीफ ने कहा कि अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पाकिस्तान को परमाणु परीक्षण करने से रोकने के लिए पांच अरब अमेरिकी डॉलर की पेशकश की थी लेकिन मैंने इनकार कर दिया। अगर उस समय मेरे स्थान पर इमरान खान जैसे व्यक्ति पाकिस्तान के प्रधानमंत्री होते तो वह क्लिंटन की पेशकश स्वीकार कर लेते। ज्ञात हो, पाकिस्तान ने 28 मई को  1998 में हुए पहले परमाणु परीक्षण की 26वीं वर्षगांठ मनाई थी। 

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आखरी अपडेट: 17th Nov 2024