शिक्षा मंत्रालय ने फिल्म और मीडिया शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा फैसला लेते हुए पुणे स्थित फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) और कोलकाता स्थित सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट (SRFTI) को “डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी” (Deemed to be University) का दर्जा दे दिया है। अब ये दोनों संस्थान अपनी डिग्री और पीएचडी कोर्स चला सकेंगे।
शिक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि ये दर्जा उन्हें यूजीसी एक्ट 1956 की धारा 3 के तहत दिया गया है। अब ये संस्थान रिसर्च, डॉक्टोरल और इनोवेटिव प्रोग्राम भी शुरू कर सकेंगे। साथ ही, ये दोनों संस्थान अब यूजीसी के नियमों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे।
इन संस्थानों को अब नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) रैंकिंग में भाग लेने और एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (ABC) से भी जोड़ा जाएगा। शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह फैसला राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप लिया गया है, जिससे इन संस्थानों को अधिक स्वतंत्रता, नवाचार और अकादमिक श्रेष्ठता प्राप्त होगी।
कैसे मिला SRFTI और FTII को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा?
SRFTI सोसायटी ने यूजीसी के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन किया था। इसके बाद यूजीसी ने कुछ शर्तों के साथ “लेटर ऑफ इंटेंट” जारी किया। जनवरी 2025 में एसआरएफटीआई ने शर्तों को पूरा करने की रिपोर्ट सौंपी जिसे यूजीसी की विशेषज्ञ समिति ने मंजूरी दे दी। यूजीसी की हालिया बैठक में इसे मंजूरी मिली और शिक्षा मंत्रालय ने अधिकारिक रूप से इसकी घोषणा की।
इसी तरह एफटीआईआई सोसायटी, पुणे ने भी ऑनलाइन आवेदन किया और सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसे भी डीन यूनिवर्सिटी का दर्जा दे दिया गया। इस फैसले से अब भारत के ये प्रमुख फिल्म संस्थान न केवल उच्च स्तर की शिक्षा देंगे, बल्कि रिसर्च और नवाचार के नए रास्ते भी खोलेंगे।