प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज आज शुक्रवार को नई दिल्ली में 7वें अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) की सह-अध्यक्षता करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर जर्मन चांसलर स्कोल्ज तीन दिवसीय भारत यात्रा पर बीती रात नई दिल्ली पहुंचे हैं।
इससे पहले चांसलर स्कोल्ज़ पिछले साल फरवरी 2023 में द्विपक्षीय राजकीय यात्रा के लिए और सितंबर 2023 में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो बार भारत आ चुके हैं।
आईजीसी एक संपूर्ण सरकारी ढांचा
बताना चाहेंगे आईजीसी एक संपूर्ण सरकारी ढांचा है जिसके तहत दोनों पक्षों के मंत्री अपने-अपने जिम्मेदारी वाले क्षेत्रों में चर्चा करते हैं और प्रधानमंत्री और चांसलर को अपने विचार-विमर्श के परिणामों की रिपोर्ट देते हैं। ऐसे में आईजीसी परामर्श के लिए चांसलर स्कोल्ज के साथ उनके मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्री भी होंगे।
आईजीसी प्रारूप 2011 में शुरू किया गया था और यह कैबिनेट स्तर पर सहयोग की व्यापक समीक्षा और जुड़ाव के नए क्षेत्रों की पहचान करने की अनुमति देता है। भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल है जिनके साथ जर्मनी का ऐसा तंत्र है। 7वें आईजीसी में प्रौद्योगिकी पर विशेष ध्यान दिए जाने की उम्मीद है, जिसमें प्रमुख तत्व स्थिरता और हरित परिवर्तन, प्रवासन और गतिशीलता, तथा प्रौद्योगिकी और नवाचार होंगे। नई और उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग में वृद्धि की भी उम्मीद है। इसके अलावा, रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी ध्यान दिया जाएगा।
दोनों देशों के नेताओं के बीच होगी द्विपक्षीय वार्ता
इसके अलावा दोनों देशों के नेताओं के बीच आज द्विपक्षीय वार्ता भी होगी जिसमें सुरक्षा और रक्षा सहयोग में वृद्धि, गहन आर्थिक सहयोग, हरित और सतत विकास साझेदारी और उभरती और रणनीतिक प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा की जाएगी। ये चर्चाएँ महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर भी केंद्रित होंगी।
दोनों नेता जर्मन व्यवसाय के 18वें एशिया प्रशांत सम्मेलन (APK 2024) को भी संबोधित करेंगे। जर्मनी और इंडो-पैसिफिक देशों के व्यापारिक नेताओं, अधिकारियों और राजनीतिक प्रतिनिधियों के लिए द्विवार्षिक कार्यक्रम APK से हमारे दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इस कार्यक्रम में जर्मनी, भारत और अन्य देशों के लगभग 650 शीर्ष व्यापारिक नेताओं और सीईओ के भाग लेने की उम्मीद है।
भारत और जर्मनी के बीच वर्ष 2000 से रणनीतिक साझेदारी
उल्लेखनीय है कि भारत और जर्मनी के बीच वर्ष 2000 से रणनीतिक साझेदारी है। पिछले कुछ वर्षों में यह साझेदारी विभिन्न क्षेत्रों में गहरी और विविधतापूर्ण हुई है। दोनों देश इस वर्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग के 50 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। हम रणनीतिक साझेदारी के 25वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, ऐेसे में चांसलर स्कोल्ज की यह यात्रा हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगी।