ब्रह्मपुत्र नदी का भारी कटाव दक्षिण सालमारा-मानकाचर जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर हो रहा है। जिला मुख्यालय हाटशिंगिमारी से लगभग पांच किमी दूर भारत-बांग्लादेश सीमा पर कलाइरआलगा तक ब्रह्मपुत्र नद कटाव कर चुका है। ब्रह्मपुत्र तक जाने वाली सड़क खतरे में पड़ गयी है।
जिला मुख्यालय हाटशिंगिमारी को भारत-बांग्लादेश सीमा से जोड़ने वाली एकमात्र सड़क यदि ब्रह्मपुत्र नदी के कटाव से बह जाती है तो बांध के अंदर के गांवों में भयानक स्थिति पैदा हो जाएगी। अगर सीमा को जोड़ने वाली सड़क किसी भी वक्त नद में बह जाती है तो संभावना है कि एक झटके में कंटीले तार की फैंसिंग भी नद में चली जाएगी। सीमा को जोड़ने वाली सड़क से महज 15/20 मीटर की दूरी पर ब्रह्मपुत्र नदी में गंभीर कटाव शुरू हो गया है।
भारत-बांग्लादेश सीमा पर गंभीर कटाव से अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ-साथ देश की सुरक्षा को भी खतरा उत्पन्न हो गया है।
यदि नदी भारत-बांग्लादेश सीमा पर लगी कांटेदार बाड़ को बहा ले जाती है तो भारत-बांग्लादेश सीमा खुल जाएगा। नतीजतन, स्थानीय सीमा पर रहने वाले लोग चिंतित हैं कि बांग्लादेशी बदमाश आसानी से भारत में प्रवेश कर सकते हैं और मानकाचर के लोगों के साथ-साथ पूरे असम के लोगों को भी परेशान कर सकते हैं। क्योंकि, लगभग 20 साल पहले मानकाचर में भारत-बांग्लादेश सीमा पर कांटेदार तार की बाड़ नहीं थी, तब बांग्लादेशी बदमाश अक्सर रात में सीमा पार करते थे और स्थानीय लोगों के घरों में चोरी, डकैती, बलात्कार जैसी घटनाओं को अंजाम देकर रातोंरात सुरक्षित बांग्लादेश लौट जाते थे।
(इनपुट-हिन्दुस्तान समाचार)