प्रतिक्रिया | Sunday, July 06, 2025

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भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर राजस्थान में हाई अलर्ट के बीच राज्य सरकार ने पुलिस, डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ समेत विभिन्न सरकारी विभागों के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। हालात के मद्देनजर तैयारियों और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी सीमावर्ती जिलों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

कई इलाकों में रोजाना ब्लैकआउट किया लागू 

इन्हीं के साथ कई इलाकों में रोजाना ब्लैकआउट लागू किया गया है। बाड़मेर और जैसलमेर में रात 9 बजे से सुबह 4 बजे तक ब्लैकआउट रहेगा, जबकि जोधपुर में रात 9.30 बजे से सुबह 4 बजे तक ब्लैकआउट रहेगा। पहले ब्लैकआउट का समय रात 12.30 बजे तय किया गया था, लेकिन जोधपुर में एहतियात के तौर पर इसे तीन घंटे पहले कर दिया गया। पाली, नाल (बीकानेर) और राज्य के एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में भी इसी तरह के ब्लैकआउट उपाय लागू किए गए।

निवासियों को दी गई यह सलाह 

निवासियों को सलाह दी गई है कि वे रात के समय किसी भी तरह की अनावश्यक आवाजाही से बचें और अपने घरों में पूरी तरह से अंधेरा रखें। अगर कोई लाइट बंद नहीं की जा सकती है, तो उसे कपड़े से ढक दिया जाना चाहिए ताकि किसी भी परिस्थिति में वह बाहर से दिखाई न दे। पुलिस गश्त और स्थानीय चौकीदारी व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है और लोगों से अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग करने को कहा गया है। जिला प्रशासन की अपील के बाद गुरुवार को श्रीगंगानगर में बाजार शाम 7 बजे तक बंद कर दिए गए और वहां और बीकानेर में भी आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रशासन ने अतिरिक्त एहतियात के तौर पर बीकानेर में ड्रोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है।

सीमावर्ती गांवों के लोगों को दिए यह निर्देश
 
सीमावर्ती गांवों के लोगों को निर्देश दिया गया है कि वे पहचान पत्र, राशन कार्ड और अन्य जरूरी सामान जैसे जरूरी दस्तावेज बैग में पैक करके रखें ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत बाहर निकला जा सके। उन्हें यह भी सलाह दी गई है कि वे नजदीकी सुरक्षित स्थान जैसे स्कूल या पंचायत भवन का पता लगाएं और सतर्क रहें। जिला प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और केवल सत्यापित सूचना स्रोतों जैसे लाउडस्पीकर, व्हाट्सएप ग्रुप, पंचायत संदेशों और रेडियो के माध्यम से आधिकारिक घोषणाओं पर भरोसा करने का आग्रह किया। 

स्वास्थ्य सेवा तैयारियों के मामले में भी उठाए गए गंभीर कदम 

किसी भी संदिग्ध गतिविधि या अफवाह फैलाने वाले की सूचना तुरंत पुलिस को दी जानी चाहिए। स्वास्थ्य सेवा तैयारियों के मामले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने गंभीर कदम उठाए हैं। सभी डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं। उन्हें सक्षम अधिकारियों की अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ ने पुष्टि की कि विभाग ने आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। 

राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष में अधिकारियों की लगाई गई ड्यूटी 

राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष में अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है और हनुमानगढ़, गंगानगर, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर, जालौर, सिरोही, पाली, बाड़मेर, बालोतरा, जोधपुर और फलोदी सहित 12 सीमावर्ती जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को चिकित्सा संस्थानों में सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस विभाग ने भी सतर्कता बढ़ा दी है। पहलगाम में हाल ही में हुए हमले के बाद पुलिस मुख्यालय ने सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टी पर प्रतिबंध बढ़ा दिया है। केवल असाधारण मामलों में ही छुट्टी दी जाएगी, वह भी पुलिस अधीक्षक या कमांडेंट की अनुमति से। एडीजी कानून व्यवस्था विशाल बंसल ने इस प्रतिबंध को लागू करने के आदेश जारी किए, जो अगली सूचना तक प्रभावी रहेंगे।

शैक्षणिक संस्थान भी प्रभावित 

शैक्षणिक संस्थान भी प्रभावित हुए हैं। जोधपुर में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय (जेएनवीयू) ने 9 मई से अगली सूचना तक सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। यह घोषणा परीक्षा नियंत्रक प्रो. जीएस शेखावत ने की। इसी तरह मौलाना आजाद विश्वविद्यालय ने जिला प्रशासन के आदेशों का पालन करते हुए 8 मई से सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। इन संस्थानों में सभी शैक्षणिक गतिविधियां भी फिलहाल स्थगित रहेंगी।

गुरुवार को बाड़मेर और जोधपुर के जिला कलेक्टरों ने संयुक्त रूप से विस्तृत सार्वजनिक सुरक्षा दिशा-निर्देश जारी किए, जिसमें बताया गया कि संकट या संभावित हमले के दौरान नागरिकों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य लोगों को सुरक्षित रहने, रक्षा अभियानों का समर्थन करने और प्रभावित क्षेत्रों में व्यवस्था बनाए रखने में मदद करना है।

जोधपुर कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने कहा कि ब्लैकआउट दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए। बाड़मेर कलेक्टर टीना डाबी ने कहा, “अगर पहला सायरन बजता है तो समझ लीजिए कि खतरा आने वाला है। अगर दूसरा सायरन बजता है तो समझ लीजिए कि खतरा टल गया है। अगर सायरन रात में बजता है तो समझ लीजिए कि खतरा है और ब्लैकआउट की जरूरत है। ब्लैकआउट यानी पूरा अंधेरा। घर के अंदर और बाहर की सभी लाइटें बंद कर दें और गाड़ियों की लाइट भी बंद कर दें। ब्लैकआउट के दौरान घर से बाहर न निकलें।” (इनपुट-एजेंसी)

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आखरी अपडेट: 6th Jul 2025