जर्मनी ने हॉकी के सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय टीम को हराकर पेरिस ओलंपिक के फाइनल में जगह बना ली है। जर्मनी ने इस मैच में भारत को 3-2 के अंतर से हराया और स्वर्ण पदक मुकाबले में जगह बना ली।
जर्मनी का फाइनल में सामना नीदरलैंड से होगा जिसने एक अन्य सेमीफाइनल में स्पेन को हराया था। वहीं भारतीय टीम भले ही स्वर्ण पदक मुकाबले के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकी, लेकिन हरमनप्रीत सिंह की अगुआई वाली टीम के पास कांस्य पदक जीतने का एक मौका रहेगा।
कांटे की टक्कर में भारत ने दागा पहला गोल
बताना चाहेंगे कांटे की इस टक्कर में पहला गोल कर बढ़त बनाने वाली हॉकी इंडिया आखिरी के छह मिनटों में गोल नहीं कर पाने की वजह से पेरिस ओलंपिक में पदक की रेस से बाहर हुई है। हालांकि पूरा मैच जर्मनी के डिफेंस और भारतीय आक्रमण के लिए याद किया जाएगा।
शुरुआत से ही भारतीय टीम ने दिखाई तेजी
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने जर्मनी के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में शुरुआत से ही तेजी दिखाई और पहले क्वार्टर में ही 1-0 की बढ़त बनाई। भारत के लिए हरमनप्रीत सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर को भुनाते हुए गोल किया और भारत को बढ़त दिलाई। हरमनप्रीत का पेरिस ओलंपिक का यह आठवां गोल रहा।
जर्मनी ने दूसरे क्वार्टर में मिले पेनल्टी कॉर्नर पर गोल कर स्कोर 1-1 से किया बराबर
वहीं जर्मनी ने दूसरे क्वार्टर में मिले पेनल्टी कॉर्नर पर गोल कर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया। जर्मनी के लिए 18वें मिनट में गोंजालो पिलाट ने गोल दागा।
दूसरे क्वार्टर में ही मिले पेनल्टी स्ट्रोक पर जर्मनी को मिली 2-1 से बढ़त
दूसरे क्वार्टर में ही मिले पेनल्टी स्ट्रोक पर क्रिस्टोफर रुएहर ने शानदार गोल दागा और टीम को 2-1 की बढ़त दिला दी। क्वार्टर के 27वें मिनट में जर्मनी के लिए यह गोल आया।
मैच के 36वें मिनट में भारत ने गोल कर स्कोर किया 2-2 से बराबर
पहले क्वार्टर में 1-0 की बढ़त बनाने के बाद दूसरे क्वार्टर में 2-1 पिछड़ी भारतीय टीम ने तीसरे क्वार्टर में वापसी की। मैच के 36वें मिनट में सुखजीत सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील किया और स्कोर 2-2 से बराबर कर दिया। फिर करीब 17 मिनट तक दोनों टीमें बढ़त बनाने की कोशिश करती रहीं लेकिन सफलता नहीं मिली।
आखिरी में 54वें मिनट में जर्मनी के लिए मार्को मिल्टकाउ ने दागा गोल
लेकिन मैच में जब आखिरी 6 मिनट शेष थे तब 54वें मिनट में जर्मनी के लिए मार्को मिल्टकाउ ने गोल दागा और जर्मनी को भारत पर 3-2 की महत्वपूर्ण बढ़त दिला दी। आखिर में स्कोर का यह आंकड़ा अपरिवर्तनीय रहा और जर्मनी ने मैच अपने नाम किया। (इनपुट-हिंदुस्थान समाचार)