प्रतिक्रिया | Sunday, July 06, 2025

  • Twitter
  • Facebook
  • YouTube
  • Instagram

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “मुझे लगता है कि भारत-चीन संबंध एशिया के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। अगर दुनिया को बहुध्रुवीय होना है, तो एशिया को भी बहुध्रुवीय होना होगा और इसलिए यह संबंध न केवल एशिया के भविष्य को प्रभावित करेगा, बल्कि शायद दुनिया के भविष्य को भी प्रभावित करेगा। यह बात विदेश मंत्री जयशंकर ने न्यूयॉर्क में एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट में एशिया सोसाइटी में मंगलवार को अपने उद्घाटन भाषण के दौरान कही।

अगर दुनिया को बहुध्रुवीय होना है, तो एशिया को भी बहुध्रुवीय होना होगा

एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट में एशिया सोसाइटी को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि मुझे लगता है कि भारत-चीन संबंध एशिया के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। अगर दुनिया को बहुध्रुवीय होना है, तो एशिया को भी बहुध्रुवीय होना होगा और इसलिए यह संबंध न केवल एशिया के भविष्य को प्रभावित करेगा, बल्कि शायद दुनिया के भविष्य को भी प्रभावित करेगा। हम लंबे समय से आसियान को केंद्र में रखकर ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ पर काम कर रहे हैं। रणनीतिक विषय के रूप में हिंद-प्रशांत की उपस्थिति एक्ट ईस्ट पॉलिसी की सफलता है।

दुनिया बदल रही है

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया बदल रही है। एशिया उस बदलाव के मामले में सबसे आगे है। एशिया के भीतर, भारत उस बदलाव का नेतृत्व कर रहा है, लेकिन यह बदलाव आज वैश्विक व्यवस्था के ढांचे को भी प्रभावित कर रहा है।

चीन के साथ हमारा एक कठिन इतिहास रहा है

एशिया सोसाइटी कार्यक्रम के दौरान, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ हमारा एक कठिन इतिहास रहा है। चीन के साथ हमारे स्पष्ट समझौतों के बावजूद, हमने कोविड के दौरान देखा कि चीन ने इन समझौतों का उल्लंघन करते हुए एलएसी (LAC) पर बड़ी संख्या में सेनाएँ भेजीं। यह संभावना थी कि कोई दुर्घटना होगी, और ऐसा हुआ भी। झड़प हुई, और दोनों तरफ़ से कई सैनिक मारे गए। इसने एक तरह से दोनों देशों के बीच रिश्ते को प्रभावित किया। जब मैंने कहा कि इसका 75 प्रतिशत हल हो गया है, यह केवल डिसइंगेजमेंट के बारे में है लेकिन गश्त के कुछ मुद्दों को हल करने की अभी आवश्यकता है। अगला कदम डी-एस्केलेशन होगा।

गश्त से जुड़े कुछ मुद्दों को सुलझाना ज़रूरी है

एस जयशंकर ने कहा कि 2020 के बाद गश्त व्यवस्था में गड़बड़ी हुई है। इसलिए हम सैनिकों की वापसी और टकराव के बिंदुओं को सुलझाने में सफल रहे हैं, लेकिन गश्त से जुड़े कुछ मुद्दों को सुलझाना ज़रूरी है।

आगंतुकों: 32143801
आखरी अपडेट: 6th Jul 2025