प्रतिक्रिया | Sunday, July 06, 2025

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भारत में वन क्षेत्र में दर्ज की गई वृद्धि, दुनिया के टॉप 10 देशों में शामिल 

भारत दुनिया के उन शीर्ष 10 देशों में शामिल है, जहां पिछले कुछ वर्षों में वन क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई है। यह जानकारी गुरुवार को जारी एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट में दी गई है। भारत का वन क्षेत्र 1991-2011 तक स्थिर रहा, लेकिन उसके बाद इसमें वृद्धि देखी गई है।

शहरीकरण और वन क्षेत्र के बीच संबंध यू-शेप का

एसबीआई रिपोर्ट के अनुसार, “शहरीकरण और वन क्षेत्र के बीच संबंध यू-शेप का है… प्रारंभिक चरण के शहरीकरण से वनों की कटाई होती है, लेकिन जैसे-जैसे शहरीकरण आगे बढ़ता है, शहरी हरियाली, वन संरक्षण कार्यक्रम और सतत भूमि उपयोग योजना जैसी नीतियों में वृद्धि होती है, जिसके परिणामस्वरूप अंततः वन क्षेत्र में वृद्धि होती है।”

भारत की शहरी आबादी 35-37 प्रतिशत होने की उम्मीद 

भारत में तेजी से शहरीकरण हो रहा है। जनगणना 2011 के अनुसार, भारत की शहरी आबादी कुल आबादी का 31.1 प्रतिशत थी, जो जनगणना 2024 में बढ़कर 35-37 प्रतिशत होने की उम्मीद है।

40 प्रतिशत शहरीकरण दर से आगे, वन क्षेत्र पर प्रभाव हो जाता है सकारात्मक

40 प्रतिशत शहरीकरण दर से आगे, वन क्षेत्र पर प्रभाव सकारात्मक हो जाता है… इस प्रकार, स्मार्ट सिटीज मिशन और अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (AMRUT) जैसे अधिक से अधिक कार्यक्रम हरित बुनियादी ढांचे को एकीकृत करने और शहरी पारिस्थितिक लचीलापन बढ़ाने के लिए आवश्यक हैं।

वर्तमान में भारत के मेगा शहरों में कुल वन क्षेत्र 511.81 वर्ग किमी

वर्तमान आकलन के अनुसार, भारत के मेगा शहरों में कुल वन क्षेत्र 511.81 वर्ग किमी है, जो शहरों के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 10.26 प्रतिशत है। दिल्ली में सबसे अधिक वन क्षेत्र है, उसके बाद मुंबई और बेंगलुरु हैं।

दिल्ली में सबसे अधिक वन क्षेत्र 

वन क्षेत्र में अधिकतम वृद्धि (2023 बनाम 2021) अहमदाबाद में देखी गई है, उसके बाद बेंगलुरु है, जबकि वन क्षेत्र में अधिकतम कमी चेन्नई और हैदराबाद में देखी गई है। वानिकी क्षेत्र भारत के GVA में लगभग 1.3-1.6 प्रतिशत का योगदान देता है, जो फर्नीचर, निर्माण और कागज़ निर्माण जैसे उद्योगों को सहायता प्रदान करता है।

भारत में 35 बिलियन पेड़ होने का अनुमान

भारत में 35 बिलियन पेड़ होने का अनुमान है; इसका मतलब है कि प्रति पेड़ केवल 100 रुपये GVA है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत विषम वन क्षेत्र वाला देश है और ओडिशा, मिजोरम और झारखंड जैसे राज्यों में यह बढ़ रहा है। उत्तर-पूर्व और पहाड़ी राज्यों (जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश) में वन क्षेत्र के अंतर्गत अधिक भौगोलिक क्षेत्र है। यूपी, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब आदि जैसे राज्यों में उनके भौगोलिक क्षेत्र का 10 प्रतिशत से भी कम वन क्षेत्र है।

वनीकरण परियोजनाओं में निवेश करने से संरक्षण निधि में हो सकती है वृद्धि 

जैव विविधता हॉटस्पॉट का विस्तार और निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने से वन स्थिरता को बढ़ाया जा सकता है, और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) और कार्बन ऑफसेट बाजारों के माध्यम से वनीकरण परियोजनाओं में निवेश करने से संरक्षण निधि में वृद्धि हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उपग्रह निगरानी और डिजिटल डेटाबेस के माध्यम से अतिक्रमण के खिलाफ प्रवर्तन को मजबूत करने से महत्वपूर्ण वन क्षेत्रों की रक्षा की जा सकती है।

ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर एकीकृत करने और शहरी पारिस्थितिकी तंत्र बेहतर बनाने के लिए सरकार ने की कई पहल

सरकार ने हरित अवसंरचना (ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर) को एकीकृत करने और शहरी पारिस्थितिकी तंत्र को बेहतर बनाने के लिए स्मार्ट सिटी मिशन और अमृत जैसी कई पहल की हैं, जो कि यू-आकार की परिकल्पना के अनुरूप हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे बेहतर संस्थागत क्षमता विकसित होगी जो शहरी विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों का समर्थन करेगी। (इनपुट-एजेंसी)

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आखरी अपडेट: 6th Jul 2025