प्रतिक्रिया | Sunday, July 06, 2025

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भारत ऊर्जा भंडारण क्रांति का वैश्विक नेतृत्व करने को तैयार : केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी

केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री  प्रल्हाद जोशी ने बेंगलुरु के बिदादी औद्योगिक क्षेत्र में बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) विनिर्माण सुविधा केंद्र का उद्घाटन किया। जोशी ने इस कारखाने के शुभारंभ को स्वच्छ ऊर्जा के लिए, अधिक ग्रिड लचीलेपन के लिए और वैश्विक ऊर्जा भंडारण बाजार में भारत के नेतृत्व के लिए एक वादा बताया।

5 गीगावाट प्रति घंटे की वार्षिक विनिर्माण क्षमता के साथ, यह देश में सबसे बड़ी और सबसे उन्नत बीईएसएस सुविधाओं में से एक है

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता के लक्ष्य को रेखांकित करते हुए, जोशी ने कहा कि जैसे-जैसे हमारे ग्रिड में अधिक अक्षय ऊर्जा आती है, विश्वसनीय भंडारण होना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। जोशी ने कहा, “आज हम जिस सुविधा केंद्र का उद्घाटन कर रहे हैं, वह बहुत महत्वपूर्ण है। वे हमारे विजन को वास्तविकता में बदलने के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह बीईएसएस प्लांट वास्तव में एक अत्याधुनिक प्रतिष्ठान है। 5 गीगावाट प्रति घंटे की वार्षिक विनिर्माण क्षमता के साथ, यह देश में सबसे बड़ी और सबसे उन्नत बीईएसएस सुविधाओं में से एक है।”

जोशी ने विश्वास व्यक्त किया कि इस तरह की प्रणालियां ग्रिड स्थिरता का समर्थन करेंगी और नवीकरणीय एकीकरण को सक्षम बनाएगी

जोशी ने कहा, “इसकी पूरी तरह से स्वचालित सेल-टू-पैक असेंबली लाइन न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप लेकिन अधिकतम दक्षता और स्थिरता के साथ सटीकता-संचालित, उच्च-गुणवत्ता वाले उत्पादन की ओर बदलाव को दर्शाती है।” जोशी ने विश्वास व्यक्त किया कि इस तरह की प्रणालियां ग्रिड स्थिरता का समर्थन करेंगी, नवीकरणीय एकीकरण को सक्षम करेंगी, पीक डिमांड का प्रबंधन करेंगी और फ्रीक्वेंसी विनियमन को बनाए रखने में मदद करेंगी।

भारत ऊर्जा भंडारण गठबंधन के अनुसार, देश के ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में 2032 तक 4.79 लाख करोड़ रुपए का निवेश आने की संभावना है

उन्होंने कहा कि भारत ऊर्जा भंडारण गठबंधन के अनुसार, देश के ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में 2032 तक 4.79 लाख करोड़ रुपए का निवेश आने की संभावना है। सीईए का अनुमान है कि 2032 तक ऊर्जा भंडारण प्रणालियों की 411.4 गीगावाट (पीएसपी से 175.18 गीगावाट और बीईएसएस से 236.22 गीगावाट) की परियोजना की आवश्यकता होगी।

मोदी सरकार 30 गीगावॉट बैटरी स्टोरेज सिस्टम की स्थापना में सहायता करने के लिए व्यवहार्यता अंतर निधि के रूप में अतिरिक्त 5,400 करोड़ रुपए देने की योजना बना रही है

उन्होंने कहा, “मेरा दृढ़ विश्वास है कि इस सुविधा केंद्र के माध्यम से पेस डिजिटेक केवल बैटरी ही नहीं बनाएगा, बल्कि यह भारत के ऊर्जा भविष्य का निर्माण करेगा। यह उच्च-स्तर वाले रोजगार का सृजन करेगा, नवोन्मेषण को बढ़ावा देगा और मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के विजन के अनुरूप हमारे घरेलू विनिर्माण इको-सिस्टम को सुदृढ़ बनाएगा।” बैटरी स्टोरेज सिस्टम स्थापित करने की दिशा में मोदी सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए, जोशी ने कहा, “मोदी सरकार 30 गीगावॉट बैटरी स्टोरेज सिस्टम की स्थापना में सहायता करने के लिए व्यवहार्यता अंतर निधि के रूप में अतिरिक्त 5,400 करोड़ रुपए देने की योजना बना रही है। यह मौजूदा वीजीएफ योजना के तहत पहले से दिए जा रहे 3,700 करोड़ रुपए से अलग है, जिसके माध्यम से 13.2 गीगावॉट बीईएसएस परियोजनाओं को पहले से ही क्रियान्वित किया जा रहा है।”

हमारी अक्षय ऊर्जा क्षमता तेजी से बढ़ रही है, हम हर साल 25-30 गीगावॉट जोड़ रहे हैं

उन्होंने कहा, “जहां भारत बैटरी स्टोरेज के लिए वीजीएफ योजना शुरू कर रहा है और स्टोरेज बाजार को बढ़ाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के हितधारकों के साथ काम कर रहा है, इस तरह का विश्व स्तरीय विनिर्माण होना बहुत महत्वपूर्ण होगा। यह बढ़ती मांग को पूरा करने, आयात को कम करने और हमारे पावर ग्रिड को अधिक कुशल बनाने में मदद करेगा।” हमारी अक्षय ऊर्जा क्षमता तेजी से बढ़ रही है: हम हर साल 25-30 गीगावॉट जोड़ रहे हैं। लेकिन भंडारण के बिना, हम या तो उस ऊर्जा को नष्ट कर देंगे या अक्षय ऊर्जा कम होने पर कोयले पर निर्भर हो जाएंगे। बीईएसएस के जरिए हम अपने ग्रिड को मज़बूत, स्थिर और स्मार्ट बनाते हैं।

भारत बैटरी और इनवर्टर से लेकर सॉफ्टवेयर और कंट्रोल सिस्टम तक बीईएसएस के लिए वैश्विक विनिर्माण केंद्र बन सकता है

उन्होंने कहा, “मेरा मानना ​​है कि भारत बैटरी और इनवर्टर से लेकर सॉफ्टवेयर और कंट्रोल सिस्टम तक बीईएसएस के लिए वैश्विक विनिर्माण केंद्र बन सकता है। 2022 और 2032 के बीच, भारत की योजना 47 गीगावाट से अधिक बैटरी भंडारण क्षमता जोड़ने की है, जिसमें कुल निवेश लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपए होगा।” सरकार द्वारा मजबूत नीतिगत समर्थन, साथ ही निजी क्षेत्र के निवेश से प्रदर्शित होता है कि भारत अक्षय भविष्य के बारे में गंभीर है। साथ ही, हम उस भविष्य को स्थिर और भरोसेमंद बनाने के लिए आवश्यक भंडारण प्रणालियों का निर्माण कर रहे हैं। (इनपुट- पीआईबी)

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आखरी अपडेट: 6th Jul 2025