प्रतिक्रिया | Wednesday, April 02, 2025

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भारत-अमेरिका व्यापार समझौता 2025 तक हो सकता है पूरा: मॉर्गन स्टेनली

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता 2025 के अंत तक पूरा हो सकता है। यह जानकारी मंगलवार को मॉर्गन स्टेनली द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में दी गई। ट्रेड टैरिफ जोखिम को लेकर ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि भारत पर इसका काफी कम असर होगा। इसकी वजह देश का एशिया में गुड्स एक्सपोर्ट्स टू सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) रेश्यो सबसे कम होना है।

भारत पर टैरिफ वृद्धि को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है

रिपोर्ट में बताया गया कि भारत पर टैरिफ वृद्धि को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है, क्योंकि अमेरिकी प्रशासन ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि पारस्परिक टैरिफ किस प्रकार लगाए जाएंगे। रिपोर्ट के अनुसार, भारत अंततः अमेरिका के साथ व्यापार समझौता कर सकता है, लेकिन कई द्विपक्षीय व्यापार मुद्दों को देखते हुए यह काफी चुनौतीपूर्ण होने वाला है।

भारत 2 अप्रैल से लागू होने वाले पारस्परिक टैरिफ से बच नहीं पाएगा और कम से कम व्यापार समझौता होने तक टैरिफ में वृद्धि हो सकती है

रिपोर्ट में आगे कहा गया, “अधिकारियों की ओर से व्यापार समझौते के पूरा होने के लिए सितंबर- नवंबर 2025 की टाइमलाइन दी गई है। इसका मतलब यह होगा कि भारत 2 अप्रैल से लागू होने वाले पारस्परिक टैरिफ से बच नहीं पाएगा और कम से कम व्यापार समझौता होने तक टैरिफ में वृद्धि हो सकती है।”

डब्ल्यूटीओ समझौतों के तहत, देश आमतौर पर अपने व्यापारिक भागीदारों के बीच भेदभाव नहीं कर सकते

रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूटीओ का मोस्ट फेवर्ड नेशन का सिद्धांत भारत को अन्य डब्ल्यूटीओ सदस्यों पर लागू किए बिना अमेरिकी आयात पर अपने टैरिफ को समायोजित करने से रोकता है, जब तक कि यह मुक्त व्यापार समझौते के तहत न हो। डब्ल्यूटीओ समझौतों के तहत, देश आमतौर पर अपने व्यापारिक भागीदारों के बीच भेदभाव नहीं कर सकते हैं। किसी को कोई विशेष लाभ दें (जैसे कि उनके किसी उत्पाद के लिए कम सीमा शुल्क दर) और आपको अन्य सभी डब्ल्यूटीओ सदस्यों के लिए भी ऐसा ही करना होगा।

भारत दवा उत्पादों के निर्यात पर संभावित टैरिफ के प्रति संवेदनशील

इसके अलावा, भारत दवा उत्पादों के निर्यात पर संभावित टैरिफ के प्रति भी थोड़ा संवेदनशील है। राष्ट्रपति ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह इस उत्पाद श्रेणी पर टैरिफ लगाएंगे, जिसकी कुल निर्यात में 2.8 प्रतिशत और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 0.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है।(इनपुट-आईएएनएस)

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आखरी अपडेट: 2nd Apr 2025