प्रतिक्रिया | Tuesday, January 21, 2025

  • Twitter
  • Facebook
  • YouTube
  • Instagram

भारतीय वायु सेना के लड़ाकू और परिवहन विमानों ने एनएच 16 पर आपातकालीन लैंडिंग सुविधा का किया परीक्षण

भारतीय वायु सेना के लड़ाकू और परिवहन विमानों ने सोमवार, 18 मार्च को बापटला जिले में अडांकी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 16 को हवाई पट्टी की तरह इस्तेमाल करते हुए एक आपातकालीन लैंडिंग सुविधा (एल्फ) ऑपरेशन को पूरा किया। भारतीय वायुसेना, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) के साथ देश में उपयुक्त स्थानों पर आपातकालीन लैंडिंग सुविधा के निर्माण के लिए संयुक्त रूप से काम कर रही है।

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि भारतीय वायु सेना के लड़ाकू और परिवहन विमानों ने सोमवार को बापटला जिले में अडांकी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 16 को हवाई पट्टी की तरह इस्तेमाल करते हुए एक आपातकालीन लैंडिंग सुविधा (ईएलएफ) ऑपरेशन को पूरा किया है। इस प्रक्रिया के दौरान सुखोई एसयू-30 और हॉक जैसे लड़ाकू विमानों ने सफलतापूर्वक ओवरशूट किया।

इसके बाद एएन-32 तथा डोर्नियर परिवहन विमान राजमार्ग पर उतरे और फिर उन्होंने इसी पट्टी से उड़ान भरी। इस पूरी कार्रवाई के दौरान जटिल बहुआयामी गतिविधियों के संचालन के लिए भारतीय वायु सेना और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), जिला प्रशासन, राज्य पुलिस तथा अन्य नागरिक एजेंसियों के बीच उच्च स्तर के तालमेल व संपर्क-सुविधा का प्रदर्शन किया गया।

दरअसल भारतीय वायुसेना, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के साथ देश में उपयुक्त स्थानों पर आपातकालीन लैंडिंग सुविधा के निर्माण के लिए संयुक्त रूप से काम कर रही है। इससे पहले, इस तरह की गतिविधि का आयोजन 29 दिसंबर, 2022 को किया गया था।

गौरतलब है कि 4.1 किलोमीटर लंबी और 33 मीटर चौड़ी कंक्रीट हवाई पट्टी का निर्माण इंडियन एयरफोर्स द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा किया गया है। इसी तरह से देश के विभिन्न हिस्सों में अन्य हवाई पट्टियां पहले से ही भारतीय वायुसेना के लिये उपलब्ध हैं। आंध्र प्रदेश में यह आपातकालीन लैंडिंग सुविधा हाल ही में प्रायद्वीपीय भारत के लिए प्रारंभ की गई है।

बता दें कि आपातकालीन लैंडिंग सुविधा से युक्त राजमार्ग हवाई पट्टियां आकस्मिक परिस्थितियों के दौरान भारतीय वायुसेना के हवाई संचालन के लचीलेपन को बढ़ाती हैं। वहीं दूसरी ओर ये दूर-दराज के क्षेत्रों में मानवीय सहायता एवं आपदा राहत संचालन के दौरान अमूल्य संपत्ति की तरह ही भूमिका निभा रही हैं।

आगंतुकों: 15367488
आखरी अपडेट: 21st Jan 2025