प्रतिक्रिया | Saturday, February 15, 2025

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06/04/24 | 12:42 pm

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भारतीय तटरक्षक बल ने समुद्र में फंसे 27 बांग्लादेशी मछुआरों को रेस्क्यू किया

भारतीय तट रक्षक बलों ने बीच समुद्र में फंसे 27 बांग्लादेशी मछुआरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया और शुक्रवार को उन्हें बांग्लादेश को सौंप दिया। भारतीय तट रक्षकर बल के एक अधिकारी ने बताया कि एक त्वरित ऑपरेशन करके भारतीय तट रक्षक (आईजीसी) समुद्र में अपनी मछली पकड़ने वाली नाव पर फंसे 27 बांग्लादेशी मछुआरों को सुरक्षित बचा लिया।

नाव का स्टीयरिंग गियर था खराब

4 अप्रैल की सुबह करीब 11.30 बजे भारतीय तटरक्षक जहाज अमोघ ने भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पर गश्त के दौरान एक बांग्लादेशी मछली पकड़ने वाली नाव (बीएफबी) सागर II को भारतीय जल क्षेत्र में बहते हुए देखा। आईसीजी जहाज ने जांच के लिए बोर्डिंग टीम को भेजा। जांच के दौरान पता चला कि नाव का पिछले दो दिनों से स्टीयरिंग गियर खराब था और तब से वह भटक रही थी, जिसके कारण नाव भारतीय जल सीमा के अंदर चली गई। बीएफबी में 27 चालक दल/मछुआरे सवार थे।

अधिकारी ने बताया भारतीय तटरक्षक तकनीकी टीम ने खराबी की पहचान करने और उसे ठीक करने की कोशिश की, लेकिन जब देखा कि नाव का पतवार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है और समुद्र में इसकी मरम्मत नहीं की जा सकी। समुद्र की स्थिति और मौसम की स्थिति अनुकूल थी, इसलिए यह निर्णय लिया गया कि संकटग्रस्त नाव को भारत-बांग्लादेश आईएमबीएल में लाया गया। उसके बाद भारतीय तटरक्षक बल और बांग्लादेश तटरक्षक बल के बीच समझौते (एमओयू) के मुताबिक उसे बांग्लादेश को सौंप दिया गया।

भारत ने बांग्लादेश को सौंपे 27 मछुआरे

इस बीच, कोलकाता स्थित भारतीय तटरक्षक क्षेत्रीय मुख्यालय ने बांग्लादेश तटरक्षक बल के साथ संचार स्थापित किया और उन्हें घटना और कार्ययोजना के बारे में सूचित किया। बांग्लादेश तट रक्षक जहाज (बीसीजीएस) कमरुज्जमां को बीएफबी को लाने के लिए बीसीजी द्वारा तैनात किया गया था। बीसीजी जहाज कमरुज्जमां 4 अप्रैल लगभग शाम 6:45 बजे आईएमबीएल के पास पहुंचा। आईसीजीएस अमोघ ने 27 बांग्लादेशी मछुआरों को उनकी नाव के साथ बीसीजी जहाज कमरुज्जमां को सौंप दिया।

भारतीय तट रक्षक बल के अधिकारी ने कहा कि यह ऑपरेशन सभी बाधाओं के बावजूद समुद्र में बहुमूल्य जीवन की सुरक्षा के प्रति भारतीय तटरक्षक बल की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस तरह के सफल खोज और बचाव अभियान न केवल क्षेत्रीय संबंधों को मजबूत करेंगे बल्कि पड़ोसी देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग को भी बढ़ाएंगे। यह भारतीय तटरक्षक बल के आदर्श वाक्य “वयम रक्षामः” के अनुरूप है जिसका अर्थ है “हम रक्षा करते हैं”।

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आखरी अपडेट: 14th Feb 2025