किसानों की आय दोगुनी करने में सरकारी योजनाएं मददगार साबित हो रही है। कृषि राज्य का विषय होने के कारण राज्य सरकारें राज्य में कृषि के विकास के लिए उपयुक्त उपाय करती हैं। हालांकि भारत सरकार भी उपयुक्त नीतिगत उपायों, बजटीय आवंटन और विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रमों के माध्यम से राज्यों के इन प्रयासों में मदद करती है। भारत सरकार की विभिन्न योजनाएं/कार्यक्रम, उत्पादन में वृद्धि, किसानों को लाभकारी आय और आय समर्थन के माध्यम से किसानों का कल्याण कर रही हैं। फसल उत्पादकता में सुधार, उत्पादन लागत को कम करना, कृषि में विविधीकरण, सतत कृषि के लिए जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बनाना और किसानों के नुकसान की भरपाई, किसानों की आय बढ़ाने की रणनीतियों में शामिल है।
सरकार के विभिन्न सुधारों और नीतियों से लागत में कमी
सरकार के विभिन्न सुधारों और नीतियों से लागत में कमी, उत्पादन बढ़ाने, लाभकारी आय, आय समर्थन, वृद्धावस्था सुरक्षा आदि के उपयोग को आधुनिक और तर्कसंगत बनाकर किसानों के लिए उच्च आय पर ध्यान केंद्रित किया गया है। सरकार ने कृषि और किसान कल्याण विभाग के बजट आवंटन को 2013-14 के दौरान 21933.50 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2024-25 में 122528.77 करोड़ रुपये कर दिया है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों/योजनाओं की सूची इस प्रकार है।
डीए एंड एफडब्ल्यू द्वारा शुरू की गई प्रमुख योजनाएं
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना, संशोधित ब्याज सबवेंशन योजना, कृषि अवसंरचना कोष,10,000 किसान उत्पादक संगठनों का गठन और संवर्धन, प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान, स्टार्ट-अप और ग्रामीण उद्यमों के लिए कृषि निधि, प्रति बूंद अधिक फसल, कृषि विस्तार पर उप-मिशन, कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन, बीज और रोपण सामग्री पर उप-मिशन,परंपरागत कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और पोषण मिशन, डिजिटल कृषि मिशन, कृषि विपणन के लिए एकीकृत योजना, राष्ट्रीय कृषि बाजार कृषि विपणन के लिए एकीकृत योजना, अन्य बागवानी के एकीकृत विकास के लिए मिशन, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, वर्षा सिंचित क्षेत्र विकास, खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन, ऑयल पाम खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन, तिलहन राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन, पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट कृषि वानिकी, फसल विविधीकरण कार्यक्रम, राष्ट्रीय बांस मिशन, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने उन 75,000 किसानों की सफलता की कहानियों का संकलन जारी किया है, जिन्होंने कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय तथा संबद्ध मंत्रालयों/ विभागों द्वारा संचालित योजनाओं के ज़रिए अपनी आय में दो गुना से अधिक वृद्धि की है।
सरकारी योजनाओं के ज़रिए आय में दोगुनी वृद्धि
मौजूदा बुनियादी ढांचे के अंतराल को दूर करने और कृषि बुनियादी ढांचे में निवेश जुटाने के लिए, कृषि बुनियादी ढांचे को बदलने हेतु कृषि अवसंरचना कोष की शुरुआत की गई थी। एआईएफ, इंटरेस्ट सबवेंशन और क्रेडिट गारंटी समर्थन के जरिए फसल कटाई के बाद प्रबंधन से जुड़े बुनियादी ढांचे और व्यवहार्य कृषि परिसंपत्तियों के लिए व्यावहारिक परियोजनाओं में निवेश के लिए एक मध्यम दीर्घावधि की ऋण वित्तपोषण सुविधा है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पात्र परियोजनाओं के दायरे को विस्तार देते हुए 28.8.2024 को एआईएफ के प्रगतिशील विस्तार को मंजूरी दी थी। इसमें व्यक्तिगत पात्र लाभार्थियों को ‘सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए व्यवहार्य परियोजनाओं’ के तहत बुनियादी ढांचे के निर्माण की अनुमति तथा एकीकृत प्रसंस्करण परियोजनाओं और पीएम कुसुम ‘ए‘ का अभिसरण शामिल है। एआईएफ के तहत अनुमोदित प्रमुख परियोजनाओं में 18,606 कस्टम हायरिंग केंद्र, 16,276 प्राथमिक प्रसंस्करण इकाइयां, 13,724 गोदाम, 3,102 छंटाई और ग्रेडिंग इकाइयां, 1,909 कोल्ड स्टोरेज परियोजनाएं और करीब 21,394 अन्य प्रकार की फसल कटाई के बाद की प्रबंधन परियोजनाएं और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियां शामिल हैं। यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में लिखित उत्तर में दी।
किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए की गई सरकारी पहल
सरकार कृषि आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने, वैकल्पिक विपणन चैनल बनाने, किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए तथा बाजार की अस्थिरता को कम करने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू करती है। इन उपायों में राष्ट्रीय कृषि बाजार, 10,000 किसान उत्पादक संगठन योजना का गठन और संवर्धन, डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क के ज़रिए बाजार तक सीधे पहुंच, कृषि अवसंरचना कोष, कृषि विपणन के लिए एकीकृत योजना और प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के तहत मूल्य समर्थन शामिल हैं।
विपणन अनुसंधान और सूचना नेटवर्क, आईएसएएम की एक उप-योजना है जो कृषि वस्तुओं की कीमतों और उनके आगमन पर प्रतिदिन ताज़ा जानकारी प्रदान करती है। इस योजना में 3,771 बाजार यार्ड शामिल हैं जो 300 से अधिक वस्तुओं पर नज़र रखते हैं। इस सूचना को डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे एगमार्कनेट पोर्टल, ई-एनएएम पोर्टल, किसान सुविधा आदि के माध्यम से प्रसारित किया जाता है।
राष्ट्रीय बांस मिशन भी जलवायु स्थिरता बढ़ाने में कारगर
राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन, बदलती जलवायु के प्रति कृषि को स्थिर बनाने के लिए रणनीतियों को विकसित और कार्यान्वित करता है। एनएमएसए के तहत प्रति बूंद अधिक फसल (पीडीएमसी) योजना, सूक्ष्म सिंचाई प्रौद्योगिकियों के ज़रिए पानी की उपयोग दक्षता में सुधार लाती है और वर्षा सिंचित क्षेत्र विकास योजना उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु परिवर्तनशीलता के जोखिमों को कम करने के लिए एकीकृत कृषि प्रणाली पर केंद्रित है। बागवानी के एकीकृत विकास के लिए मिशन और कृषि वानिकी और राष्ट्रीय बांस मिशन भी जलवायु स्थिरता बढ़ाने के लिए काम करते हैं।
मौसम सूचकांक आधारित पुनर्संरचित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के साथ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, फसल खराब होने पर एक व्यापक बीमा कवर प्रदान करती है। ये योजनाएं प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल में हानि या क्षति से प्रभावित किसानों को वित्तीय सहायता भी प्रदान करती हैं।
नवीनतम प्रौद्योगिकियों का प्रसार
‘विस्तार सुधारों के लिए राज्य विस्तार कार्यक्रमों को समर्थन’ नामक केन्द्र द्वारा प्रायोजित योजना, 28 राज्यों और 5 संघ शासित प्रदेशों के 739 जिलों में कार्यान्वित की गई है। यह योजना किसानों के प्रशिक्षण, प्रदर्शनों, एक्सपोजर दौरों जैसे विभिन्न कार्यकलापों के ज़रिए विकेन्द्रीकृत कृषक-अनुकूल विस्तार प्रदान करती है। कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, किसानों के बीच कृषि और समवर्गी क्षेत्रों में नवीनतम प्रौद्योगिकियों का प्रसार करती है। केवीके, कृषि प्रशिक्षण और स्थान विशिष्ट प्रौद्योगिकी और खेती प्रणालियों को लेकर भी समर्थन करता है। सरकार समय-समय पर कृषि नीति निर्माण में किसानों और अन्य हितधारकों के साथ संपर्क करती रहती है। यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में लिखित उत्तर में दी।