विदेश मंत्री एस जय शंकर 25 से 27 जुलाई तक वियनतियाने, लाओ पीडीआर का दौरा करेंगे, जहां वे आसियान-भारत, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) और आसियान क्षेत्रीय मंच (एआरएफ) के प्रारूप में आसियान ढांचे के तहत विदेश मंत्रियों की बैठकों में भाग लेंगे, विदेश मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि विदेश मंत्री जयशंकर लाओ पीडीआर के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री सलीमक्से कोमासिथ के निमंत्रण पर लाओ पीडीआर का दौरा कर रहे हैं।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, यह यात्रा आसियान-केंद्रित क्षेत्रीय संरचना के साथ भारत की गहरी संलग्नता और भारत द्वारा दिए जाने वाले महत्व, आसियान एकता, आसियान केंद्रीयता, इंडो-पैसिफिक (AOIP) पर आसियान दृष्टिकोण और आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए हमारी मजबूत प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि यह वर्ष भारत की एक्ट ईस्ट नीति का एक दशक है, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री ने 2014 में 9वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में की थी।
विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा विदेश मंत्री से आसियान से संबंधित बैठकों के दौरान विएंतियाने, लाओ पीडीआर में अन्य देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी उम्मीद है।
पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) रणनीतिक वार्ता के लिए इंडो-पैसिफिक का प्रमुख मंच है। यह एकमात्र नेता-नेतृत्व वाला मंच है, जिसमें सभी प्रमुख इंडो-पैसिफिक भागीदार क्षेत्र के सामने आने वाली राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए मिलते हैं, और निकट क्षेत्रीय सहयोग को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आसियान दक्षिण पूर्व एशिया के 10 देशों का एक राजनीतिक और आर्थिक संघ है।
उल्लेखनीय है, यह यात्रा पिछले सितंबर में इंडोनेशिया में 20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति के बाद हो रही है, जो 2022 में भारत-आसियान संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाए जाने के बाद पहला शिखर सम्मेलन था। दरअसल आसियान के साथ भारत के जुड़ाव में हाल ही में प्रगति देखी गई है, जिसमें सिंगापुर के साथ वास्तविक समय भुगतान लिंकेज प्रणाली की घोषणा भी शामिल है। देश अब इस प्रणाली को मलेशिया और अन्य आसियान देशों तक विस्तारित करने के लिए काम कर रहा है।