प्रतिक्रिया | Sunday, July 06, 2025

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भारतीय सैन्य टुकड़ी पहुंची मंगोलिया, एक्सरसाइज ‘खान क्वेस्ट’ में होगी शामिल

भारतीय सैन्य टुकड़ी बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास खान क्वेस्ट के लिए बुधवार को मंगोलिया के उलानबटार पहुंची। भारतीय सेना के जवान यहां मंगोलियाई सैनिकों व अन्य देशों की सेना के साथ एक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ‘खान क्वेस्ट’ में भाग लेंगे। यह सैन्य अभ्यास इस महीने 14 जून से 28 जून तक आयोजित किया जाएगा। अभ्यास खान क्वेस्ट का पिछला संस्करण मंगोलिया में 27 जुलाई से 9 अगस्त 2024 तक आयोजित किया गया था।

खान क्वेस्ट अभ्यास भागीदार देशों को संयुक्त अभियानों के प्रचालन के लिए रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में अपनी सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को साझा करने में सक्षम बनाएगा। यह अभ्यास भाग लेने वाले देशों के सैनिकों के बीच अंतर-संचालन, सौहार्द और भ्रातृत्व विकसित करने में मदद करेगा।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह अभ्यास पहली बार वर्ष 2003 में संयुक्त राज्य अमेरिका और मंगोलियाई सशस्त्र बलों के बीच एक द्विपक्षीय कार्यक्रम के रूप में आरंभ हुआ था। इसके बाद, वर्ष 2006 से यह अभ्यास बहुराष्ट्रीय शांति स्थापना अभ्यास में परिवर्तित हो गया और वर्तमान वर्ष इसका 22 वां संस्करण है।

भारतीय सेना के 40 कर्मियों वाले दल में मुख्य रूप से कुमाऊं रेजिमेंट की एक बटालियन के सैनिक तथा अन्य सेनाओं के कर्मी शामिल हैं। दल में एक महिला अधिकारी तथा दो महिला सैनिक भी शामिल होंगी।

अभ्यास खान क्वेस्ट का उद्देश्य बहुराष्ट्रीय वातावरण में प्रचालन करते हुए भारतीय सशस्त्र बलों को शांति अभियानों के लिए तैयार करना है, जिससे संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के अंतर्गत शांति समर्थन अभियानों में अंतर-संचालन और सैन्य तत्परता में वृद्धि हो। अभ्यास में उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, संयुक्त योजना और संयुक्त सामरिक अभ्यास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

अभ्यास के दौरान किए जाने वाले सामरिक अभ्यासों में अपरिवर्ती और गतिशील चेक प्वाइंटों की स्थापना, घेराबंदी और तलाशी अभियान, गश्त, शत्रु क्षेत्रों से नागरिकों की निकासी, काउंटर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस ड्रिल, युद्ध संबंधित प्राथमिक उपचार और हताहतों की निकासी आदि शामिल होंगे।

खान क्वेस्ट अभ्यास भागीदार देशों को संयुक्त अभियानों के प्रचालन के लिए रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में अपनी सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को साझा करने में सक्षम बनाएगा। यह अभ्यास भाग लेने वाले देशों के सैनिकों के बीच अंतर-संचालन, सौहार्द और भ्रातृत्व विकसित करने में मदद करेगा।

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आखरी अपडेट: 6th Jul 2025