भारत ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में हर बार की तरह पक्षपाती और राजनीतिक रूप से प्रेरित आकलन जारी किया है। इससे कुछ होने वाला नहीं है, हमें लगता है कि यूएससीआईआरएफ को ही चिंता की एक इकाई के रूप में नामित कर देना चाहिए।
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भारत ने कहा कि USCIRF के लगातार कुछ घटनाओं को गलत तरीके से प्रस्तुत करने और भारत के जीवंत बहुसांस्कृतिक समाज पर आकांक्षा जताने के प्रयास धार्मिक स्वतंत्रता पर वास्तविक चिंता के बजाय जानबूझकर चलाया जा रहा एजेंडा दिखाई देता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल की ओर से मीडिया के सवालों के जवाब में जारी बयान में कहा गया है कि लोकतंत्र और सहिष्णुता पर दुनिया को राह दिखाने वाले भारत की छवि खराब करने के प्रयास सफल नहीं होंगे।
विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि हमने हाल ही में जारी की गई अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) की 2025 वार्षिक रिपोर्ट देखी है, जो एक बार फिर पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक रूप से प्रेरित आकलन जारी करने के अपने पैटर्न को जारी रखती है।
भारत 1.4 बिलियन लोगों का घर है जो मानव जाति के सभी ज्ञात धर्मों के अनुयायी हैं। हालांकि, हमें कोई उम्मीद नहीं है कि USCIRF भारत के बहुलवादी ढांचे की वास्तविकता से जुड़ेगा या इसके विविध समुदायों के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को स्वीकार करेगा।
लोकतंत्र और सहिष्णुता के प्रतीक के रूप में भारत की स्थिति को कमजोर करने के ऐसे प्रयास सफल नहीं होंगे। वास्तव में, यह USCIRF है जिसे चिंता का विषय माना जाना चाहिए।