प्रतिक्रिया | Sunday, August 03, 2025

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24/06/24 | 7:18 pm | INS Sunayna

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आईएनएस सुनयना पोर्ट लुइस से मॉरीशस के संयुक्त ईईजेड निगरानी के लिए रवाना

भारतीय जहाज आईएनएस सुनयना ने मॉरीशस के पोर्ट लुइस की यात्रा पूरी कर ली है। पोर्ट लुइस से प्रस्थान के बाद आईएनएस सुनयना मॉरीशस के संयुक्त ईईजेड निगरानी के अगले चरण पर रवाना हो गया है। अपने दो दिवसीय यात्रा के दौरान अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर संयुक्त योग सत्र और खेल कार्यक्रमों में भारतीय नौसेना और मॉरीशस राष्ट्रीय तटरक्षक बल के कर्मियों ने भाग लिया।

इस दौरान आईएनएस सुनयना के कमांडिंग ऑफिसर कमांडर प्रभात रंजन मिश्रा ने भारतीय उच्चायुक्त के. नंदिनी सिंगला और मॉरीशस पुलिस के आयुक्त अनिल कुमार डिप से मुलाकात की। बातचीत में समुद्री सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर परिचालन जुड़ाव और विश्वास निर्माण उपायों पर प्रकाश डाला गया। पोर्ट लुइस के गया सिंह आश्रम में एक आउटरीच कार्यक्रम के दौरान बुजुर्गों की चिकित्सा जांच में हिस्सा लिया।

पोर्ट लुइस में लंगर के दौरान जहाज को आगंतुकों के लिए खोला गया था, जिसमें 200 से अधिक अतिथि सवार हुए। आगंतुकों को जहाज की क्षमताओं के बारे में जानकारी दी गई। मॉरीशस राष्ट्रीय तटरक्षक बल के कर्मी प्रशिक्षण के लिए जहाज पर चढ़े। आईएनएस सुनयना की मॉरीशस यात्रा दोनों समुद्री देशों के बीच मित्रता और अंतर-संचालन के घनिष्ठ बंधन की पुष्टि करती है।

इससे पहले दक्षिणी नौसेना कमान में स्थित अपतटीय गश्ती पोत सुनयना ने 15 जून को सेशेल्स तटरक्षक जहाज जोरोस्टर के साथ पोर्ट विक्टोरिया, सेशेल्स में प्रवेश किया था। जोरोस्टर की हाल ही में भारत के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड में संक्षिप्त मरम्मत की गई थी। आईएनएस सुनयना का सेशेल्स तटरक्षक और भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। यात्रा के दौरान भारतीय नौसेना और सेशेल्स रक्षा बलों के कर्मी क्रॉस डेक यात्राओं में शामिल हुए। तैनाती के दौरान जहाज ने सेशेल्स तटरक्षक के साथ संयुक्त ईईजेड की निगरानी में हिस्सा लिया।

क्या होता है ईईजेड

यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन ऑन लॉ ऑफ द सी (UNCLOS) के मुताबिक किसी देश का विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (EEZ) प्रादेशिक समुद्र से परे और उसके निकट का एक क्षेत्र होता है। इस इलाके में विशेष कानून लागू होता है। कानून लागू करने का अधिकार तटवर्ती देश को प्राप्त होता है। यह सीमा आमतौर पर 12 समुद्री मील से 200 समुद्री मील तक फैली होती है। एक समुद्री मील में 1.852 किलोमीटर होता है। ऐसे में 200 समुद्री मील का मतलब 370.4 किलोमीटर की दूरी हुई। इस क्षेत्र में मछली पकड़ने, तेल-गैस निकालने या दूसरे तरीकों से आर्थिक दोहन करने का अधिकार संबंधित देश को मिला होता है।

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आखरी अपडेट: 3rd Aug 2025