इस गणतंत्र दिवस पर ग्रामीण विकास मंत्रालय अपनी प्रभावशाली ‘लखपति दीदी’ योजना को कर्तव्य पथ पर एक जीवंत झांकी के माध्यम से प्रदर्शित करने जा रहा है। जी हां, इसमें महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता की ओर परिवर्तनकारी यात्रा का जश्न मनाया जाएगा।
1.15 करोड़ से अधिक महिलाओं ने की यह उपलब्धि हासिल
गौरतलब हो, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में महिलाओं के लिए न्यूनतम 1 लाख रुपये की वार्षिक आय सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई यह योजना अब सशक्तिकरण का प्रतीक बन गई है। 1.15 करोड़ से अधिक महिलाओं ने यह उपलब्धि हासिल की है।
झांकी में महिला उद्यमियों की भूमिका को दर्शाया जाएगा
अहम बात यह है कि इस झांकी में उन महिला उद्यमियों की भूमिका को दर्शाया जाएगा, जिन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) जैसी सरकारी पहलों के माध्यम से अपने जीवन को बदल दिया है और ग्रामीण विकास और गरीबी उन्मूलन में योगदान दिया है।
झांकी का विषय
बताना चाहेंगे इस वर्ष झांकी का विषय उद्यमिता, आत्मनिर्भरता और शिक्षा के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण पर केंद्रित है, जिसमें एक शक्तिशाली बैनर पर लिखा है, “सशक्त महिलाएं, समृद्ध परिवार, मजबूत राष्ट्र।” झांकी के सामने, पैसों की गड्डी पकड़े हुए ‘लखपति दीदी’ की प्रतीकात्मक मूर्ति वित्तीय आत्मनिर्भरता का प्रतिनिधित्व करेगी। इसके चारों ओर हस्तशिल्प, डेयरी फार्मिंग, बुनाई, लघु उद्योग और कृषि जैसी गतिविधियों में लगी विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं की आकृतियां होंगी।
झांकी में कंप्यूटर का उपयोग करती महिलाओं को भी दिखाया जाएगा, जो ग्रामीण विकास में डिजिटल साक्षरता के एकीकरण का प्रतीक है। ग्रामीण भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले रूपांकनों- जैसे मिट्टी के बर्तन, स्थानीय शिल्प और क्षेत्रीय वनस्पतियां- झांकी को फ्रेम करेंगी, जो देश की जमीनी संस्कृति के साथ एक समृद्ध दृश्य संबंध बनाती हैं। इन चित्रणों के माध्यम से, झांकी का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने वाली विविध आर्थिक गतिविधियों पर प्रकाश डालना है।
क्या है ‘लखपति दीदी’ योजना ?
लखपति दीदी योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के बीच आर्थिक सशक्तिकरण और वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा देना है। लखपति दीदी एक स्वयं सहायता समूह की सदस्य होती है, जिसकी वार्षिक घरेलू आय एक लाख रुपये (₹1,00,000) या उससे अधिक होती है।
उल्लेखनीय है कि ‘लखपति दीदी’ योजना, जो सदस्य को एक ऐसी महिला के रूप में परिभाषित करती है जो कम से कम चार व्यावसायिक चक्रों या कृषि मौसमों में 10,000 रुपये या उससे अधिक की स्थिर मासिक आय के साथ सालाना 1 लाख रुपये से अधिक कमाती है। लखपति दीदी योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के बीच आर्थिक सशक्तिकरण और वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा देना है।
ग्रामीण भारत में महिलाओं के लिए कहानी बदल रही यह योजना
ऐसे में ग्रामीण भारत में महिला सशक्तिकरण के लिए यह सबसे महत्वाकांक्षी पहलों में से एक है। 2 करोड़ ‘लखपति दीदी’ स्थापित करने के लक्ष्य के साथ, यह योजना व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास और स्थायी राजस्व-उत्पादक गतिविधियों के माध्यम से ग्रामीण परिवारों के उत्थान के लिए बनाई गई है।
प्रशिक्षित सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों के समर्थन के माध्यम से, इस कार्यक्रम में महिलाओं को आजीविका नियोजन पर मार्गदर्शन मिलता है, जो आगे के अवसरों के लिए संसाधनों से डिजिटल रूप से जुड़ा होता है, जिससे दीर्घकालिक आर्थिक विकास और स्थिरता सुनिश्चित होती है। ‘लखपति दीदी’ योजना बाधाओं को तोड़ती रहती है, वित्तीय स्वतंत्रता का मार्ग प्रदान करती है और ग्रामीण भारत में महिलाओं के लिए कहानी बदलती है।
ज्ञात हो, इस बार गणतंत्र दिवस परेड में भारत की सांस्कृतिक विविधता और सैन्य शक्ति का अनूठा मिश्रण होगा, जिसमें संविधान के लागू होने के 75 साल और जनभागीदारी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस वर्ष, विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों का प्रतिनिधित्व करने वाली झांकियां भाग लेंगी, जो “स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास” थीम पर आधारित होंगी। राष्ट्रगान के बाद, भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आधिकारिक लोगो वाले बैनरों से सजे गुब्बारे छोड़े जाएंगे। कार्यक्रम का समापन विमानों के फ्लाईपास्ट के साथ होगा। (इनपुट-आईएएनएस)