क्या था लक्ष्य ?
सरकार बनने के बाद उनका लक्ष्य मध्य प्रदेश के 7 करोड़ से अधिक नागरिकों के लिए परिवर्तन लाना और एक नए दृष्टिकोण के साथ राज्य का तेजी से विकास करना था। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को मजबूत करने की महत्वाकांक्षा, सत्ता पर पकड़ के लिए डॉ. मोहन यादव ने राज्य के भविष्य को नया आकार देने की ठानी। अब जब डॉ. यादव ने अपने कार्यकाल का एक वर्ष पूरा कर लिया है, 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद एमपी में हर महीने क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलन हो रहे हैं। यही नहीं, उनके नवोन्वेषी निर्णय- जैसे क्षेत्रीय उद्योग कॉन्क्लेव और अंतर्राष्ट्रीय निवेश शिखर सम्मेलनों ने राज्य के लिए ₹3 लाख करोड़ का निवेश भी हासिल किया है।
कैबिनेट के हर फैसले के साथ राज्य के भविष्य का खाका किया तैयार
गौरतलब हो, जैसे ही भाजपा ने देश के हार्टलैंड स्टेट की सभी 29 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की, भारतीय राजनीति में गेम-चेंजर के रूप में उनकी भूमिका को रेखांकित किया गया। कैबिनेट के हर फैसले के साथ उन्होंने राज्य के भविष्य का खाका तैयार किया। पद संभालने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव का पहला कदम उनकी गहरी प्रतिबद्धता का प्रमाण था। दरअसल, शिक्षा- एक ऐसा क्षेत्र है, जिसकी देखरेख उन्होंने सीएम बनने से ठीक पहले की थी। उन्होंने पूरे एमपी में प्रत्येक जिले मुख्यालय में ‘पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस’ स्थापित करने के लिए ₹460 करोड़ का आवंटन किया।
पांच वर्षों में राज्य के बजट को किया दोगुना
महज इतना ही नहीं, प्रदेश को एक आर्थिक महाशक्ति बनाने की उनके लक्ष्य को पूरा करने के लिए उनकी सरकार के पहले बजट ने राज्य के अब तक के सबसे बड़े परिव्यय ₹3,56,078 का अनावरण कर इस महत्वाकांक्षा को और सुदृढ़ किया। जैसा कि पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च से एक विश्लेषण द्वारा उजागर किया गया है कि उनकी सरकार का बजट शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और ऊर्जा जैसे प्रमुख क्षेत्रों के लिए सभी राज्यों (2023-24 BE) के औसत को पार कर गया।
सरकार का एक साल पूरा होने पर नौकरियों की सौगात
सीएम यादव ने एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करते हुए नौकरियों, बुनियादी ढांचे और एमपी को विनिर्माण क्षेत्र बनाने के विज़न के साथ पांच वर्षों में राज्य के बजट को दोगुना किया। उनकी सरकार 5 लाख नई नौकरियां पैदा करने के लिए तैयार है, जो जनता के बीच समान रूप से विभाजित होंगी। वहीं निजी क्षेत्रों में 1 लाख सरकारी पदों पर पहले से ही भर्ती चल रही है। छह क्षेत्रीय औद्योगिक सम्मेलनों ने 2 लाख नौकरियों के अवसर को अनलॉक किया है।
देश के दुग्ध उत्पादन में हिस्सेदारी 20% से दोगुना करने के लिए मिशन किया शुरू
इस दिशा में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आवंटन, प्रस्तावों को कुछ ही घंटों में मंजूरी में बदल कर भूमि पर तेजी से काम करके राज्य के निवेश परिदृश्य को बढ़ाया है। औद्योगिक पार्कों के पास की भूमि को कौशल पार्कों के लिए अलग रखा जा रहा है। पशुपालन, डेयरी और पुनर्जीवन सहकारी समितियों पर विशेष ध्यान देने के साथ ही डॉ. यादव ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और देश के दुग्ध उत्पादन में हिस्सेदारी 20% से दोगुना करने के लिए एक मिशन शुरू किया है।
पिछले वर्ष के इन सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप, मध्य प्रदेश में अब देश में सबसे कम बेरोजगारी दर 2.6% है, जो राष्ट्रीय औसत 10.2% से काफी कम है, जैसा कि सितंबर में जारी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण में पता चला है।
शिक्षा पर फ़ोकस
युवाओं की पूरी क्षमता उजागर करना और उन्हें नौकरी के लिए तैयार करने के लिए सरकार ने वित्त वर्ष-2025 के बजट का 14.9% शिक्षा को समर्पित किया। अपने पहले वर्ष में, इसने 9,200 सीएम राइज स्कूल, 12 मेडिकल कॉलेज, 13 नर्सिंग कॉलेज, 1,079 आईसी लैब व एक टेक रिसर्च और डिस्कवरी कैम्पस को मंजूरी दी। इसके अलावा लैपटॉप, ई-स्कूटर, साइकिल और वर्दी के साथ-साथ छात्रों को छात्रवृत्ति से भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के रूप में और उनके कार्यकाल के दौरान डॉ. मोहन यादव का शिक्षा पर निरंतर ध्यान रहा है। उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में एमपी के सकल नामांकन को बढ़ावा दिया है। वहीं दूसरी ओर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के मिशन के तहत सरकार ने 56 अवैध मदरसों की मान्यता रद्द कर दी और अनधिकृत कोचिंग संस्थान बंद कर दिए गए।
नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार करने में अग्रणी
मध्य प्रदेश सरकार कुशल कार्यबल विकसित करने के साथ-साथ, बुनियादी ढांचे को बढ़ाकर व्यवसाय-अनुकूल वातावरण बनाने में, ऊर्जा, परिवहन, सिंचाई और खनन, राज्य को एक केंद्र के रूप में स्थापित करने का कार्य कर रही है। मध्यप्रदेश नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार करने में अग्रणी रहा है। वर्ष 2012 में प्रदेश की लगभग 500 मेगावॉट नवकरणीय ऊर्जा की क्षमता थी। वर्तमान में कुल क्षमता बढ़कर 7 हजार मेगावॉट हो गयी है, जो कि विगत 12 वर्षों में लगभग 14 गुना बढ़ी है। राज्य की कुल ऊर्जा क्षमता में नवकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़कर 21 प्रतिशत हो गयी है। आगे राज्य सरकार की नवकरणीय ऊर्जा की उत्पादन क्षमता को वर्ष 2030 तक बढ़ाकर 20 हजार मेगावॉट करने की योजना है।
आज प्रदेश में मौजूद रीवा और ओंकारेश्वर जैसी विश्व-स्तरीय सौर परियोजनाएं देश में राज्य सरकार के दृढ़ संकल्प और इच्छा-शक्ति का गौरव-गान कर रही हैं। रीवा सोलर प्रोजेक्ट 1590 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थापित है। यह विश्व के सबसे बड़े सिंगल साइड सौर संयंत्रों में से एक है। इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन को एक आदर्श के रूप में पहचान मिली है।
इंदौर के बीआरटीएस को किया उन्नत
उद्योग और सामाजिक कल्याण में प्रगति
उल्लेखनीय है, मध्य प्रदेश उद्योग और सामाजिक कल्याण दोनों क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है। विविधीकरण और उन्नत तकनीक, अभिनव कृषि-उन्नति पहल, जबकि प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं में तेजी लाई जा रही है, जो फसल के साथ कृषि में भी बदलाव ला रही है। रानी दुर्गावती, श्री अन्ना प्रमोशन, मिशन दलहन, पीएम किसान और सीएम किसान योजना के माध्यम से सीधी वित्तीय सहायता जैसी योजनाओं से किसानों को लाभ होता है।
वहीं, लाडली बहना योजना के सशक्तिकरण के सामाजिक कल्याण पहल से महिलाएं लाभ अर्जित कर रही हैं। स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ाने वाली मुफ्त एयर एम्बुलेंस और साइबर तहसील शासन का आधुनिकीकरण, समानता के लिए राज्य के प्रयास में आदिवासी कल्याण और सिविल सेवाओं में महिला आरक्षण, इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। समावेशी विकास के लिए पिछले वर्ष में, एमपी ने न केवल तेजी से विकास किया बल्कि प्रकृति संरक्षण का समर्थन भी किया है।
इसके पर्यटन बोर्ड ने सर्वश्रेष्ठ खिताब अर्जित किया। राज्य ने अपने बाघ अभयारण्यों को नौ तक विस्तारित किया। देश ने अपनी सूची में 57वां बाघ अभयारण्य जोड़ा है। इस सूची में शामिल होने वाला नवीनतम स्थान मध्य प्रदेश में रातापानी टाइगर रिजर्व है। इसके अतिरिक्त एक ही दिन में, हरित भविष्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए एमपी ने 11 लाख से अधिक पौधे लगाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया।