केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने पूर्वोत्तर के विकास और शांति पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उसने पूर्वोत्तर और बाकी भारत के बीच की दूरी कम की है। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा आयोजित पूर्वोत्तर छात्र और युवा संसद कार्यक्रम में बोलते हुए घोषणा की कि 2027 तक पूर्वोत्तर के हर राज्य की राजधानी को ट्रेन, हवाई मार्ग और सड़क से जोड़ा जाएगा।
पिछले 10 सालों में पूर्वोत्तर भारत में हिंसा में आई भारी गिरावट
शाह ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में पूर्वोत्तर में हिंसा में भारी कमी आई है। 2004 से 2014 के बीच 11,000 हिंसक घटनाएं हुई थीं, जबकि 2014 से 2024 के बीच यह संख्या घटकर 3,428 रह गई, यानी 70% की कमी आई। उन्होंने कहा कि नागरिकों की मौतों में 89% और सुरक्षा बलों के जवानों की शहादत में 70% की कमी आई है। शाह ने बताया कि बीजेपी सरकार ने 10 वर्षों में 12 बड़े शांति समझौते किए, जिससे 10,500 से अधिक उग्रवादियों ने हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि आज पूरा पूर्वोत्तर शांति की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता के बाद अब तक सभी प्रधानमंत्रियों ने मिलाकर सिर्फ 21 बार (असम को छोड़कर) पूर्वोत्तर का दौरा किया था, जबकि अकेले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 78 बार इस क्षेत्र का दौरा किया। इससे साफ है कि मोदी सरकार पूर्वोत्तर को कितनी अहमियत देती है। शाह ने यह भी बताया कि अब हर महीने एक केंद्रीय मंत्री पूर्वोत्तर के किसी राज्य में रात बिताएंगे, ताकि विकास कार्यों की निगरानी हो सके।
अमित शाह ने पूर्वोत्तर के विकास के लिए किए गए बड़े निवेशों की भी घोषणा की। उन्होंने बताया कि असम में 2,700 करोड़ रुपये की लागत से एक सेमीकंडक्टर प्लांट लगाया जा रहा है और 2.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश पूर्वोत्तर में बुनियादी ढांचे और उद्योगों के लिए किया जा रहा है। उन्होंने पूर्वोत्तर के युवाओं को भरोसा दिलाया कि अगले 10 वर्षों में उन्हें नौकरी की तलाश में दूसरे राज्यों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि उनके अपने राज्यों में ही रोजगार के अवसर मिलेंगे।