केंद्र सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थानों में 29 अक्टूबर तक मिशन मोड में 15,139 फैकल्टी पदों सहित कुल 25,777 पदों को भरा गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने 2019 में केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (रिजर्वेशन इन टीचर कैडर) अधिनियम, 2019 को अधिसूचित किया, ताकि अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के व्यक्तियों की नियुक्तियों में पदों का आरक्षण प्रदान किया जा सके।
इस बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा, “केंद्रीय विश्वविद्यालयों, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी), भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी), राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बैंगलोर द्वारा सामूहिक रूप से कुल 25,257 रिक्त पद भरे गए हैं, जिनमें से 15,047 फैकल्टी पद हैं, जिनमें 1,869 एससी, 739 एसटी, 3,089 ओबीसी और 254 दिव्यांग शामिल हैं।”
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बेहतर फैकल्टी को आकर्षित करने के लिए सरकार की ओर से कई बड़े प्रयास किए गए हैं। सरकार की ओर से वर्ष भर, ओपन एडवर्टाइजमेंट, सर्च कम सेलेक्शन प्रॉसेस, स्पेशल रिक्रूटमेंट ड्राइव, मिशन मोड रिक्रूटमेंट, फैकल्टी/साइंटिस्ट/पुराने छात्रों को इन्विटेशन भेजने जैसे कार्य किए गए।
उन्होंने कहा कि टीचर कैडर के तहत अनुसूचित जातियों के लिए 15 प्रतिशत, अनुसूचित जनजातियों के लिए 7.5 प्रतिशत, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत रिजर्वेशन प्रदान किया गया है। भारत में 48 केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं, जिनमें से 47 विश्वविद्यालय रेगुलर मोड और एक विश्वविद्यालय इग्नू डिस्टेंस लर्निंग मोड पर चलाई जाती है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 31 अक्टूबर तक केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 18,940 स्वीकृत शिक्षण पद तथा 35,640 स्वीकृत गैर-शिक्षण पद थे।