केंद्रीय राज्य मंत्री (कार्मिक) जितेंद्र सिंह ने बीते गुरुवार को बताया कि अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उम्मीदवारों के आरक्षित चार लाख से अधिक बैकलॉग रिक्तियों को 2016 से भरा गया है। उन्होंने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि बैकलॉग आरक्षित रिक्तियों सहित रिक्तियों का होना और उन्हें भरना एक सतत प्रक्रिया है।
केंद्रीय राज्य मंत्री (कार्मिक) जितेंद्र सिंह ने बताया कि 1 जनवरी 2024 तक विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की जानकारी के मुताबिक अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के कर्मचारियों की संख्या क्रमशः 5,47,000, 2,82,000 और 8,55,000 है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व निर्धारित सीमा के अनुसार क्रमशः 15 प्रतिशत और 7.5 प्रतिशत है। वहीं पिछले 10 वर्षों के दौरान सीधी भर्ती में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) का प्रतिनिधित्व भी लगातार 27 प्रतिशत से अधिक रहा है।
विशेष भर्ती अभियान के माध्यम से भरें बैकलॉग की भर्तियां : केंद्र सरकार
बैकलॉग भर्ती का मतलब है कि पिछले वर्ष निकाली गई सीधी भर्ती की सीटों में सामान्य, एससी, एसटी और ओबीसी की सीटें किसी कारणवश खाली रह जाती हैं तो अगले वर्ष की भर्ती में पिछली खाली सीटों को बैकलॉग सीट के नाम से भर्ती में दर्शाया जाता है। कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं कि बैकलॉग आरक्षित रिक्तियों की पहचान करने के लिए एक आंतरिक समिति का गठन करें ऐसी रिक्तियों के मूल कारण का अध्ययन करें ऐसी रिक्तियों के कारकों को दूर करने के उपाय शुरू करें और विशेष भर्ती अभियान के माध्यम से उन्हें भरें।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रत्येक मंत्रालय और विभाग को उप सचिव और उससे ऊपर के रैंक के एक अधिकारी को संपर्क अधिकारी के रूप में नामित करना आवश्यक है ताकि आरक्षण से संबंधित आदेशों और निर्देशों का उचित अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रत्येक मंत्रालय और विभाग को संपर्क अधिकारी के सीधे नियंत्रण में एक विशेष आरक्षण प्रकोष्ठ स्थापित करने की जरूरत है जो कर्तव्यों के निर्वहन में उसकी सहायता करे।