प्रतिक्रिया | Friday, November 22, 2024

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मुस्लिम पक्ष के वकील नासिरुज्जमा ने श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा के वादों को अलग-अलग सुनवाई मामले में हाईकोर्ट द्वारा दिए आदेश को अंग्रेजी में जारी करने के लिए आवेदन पत्र दाखिल किया है। उन्होंने प्रार्थना की है कि न्यायालय निर्देश दे कि 23 अक्टूबर का आदेश अमान्य है। इसके साथ ही अर्जी में कहा गया है कि हाईकोर्ट रजिस्ट्री को निर्देश दें कि वह हिन्दी में कोई भी ऑर्डर अपलोड न करें। हिन्दी के ऑर्डर की प्रमाणित प्रति तब तक न उपलब्ध कराएं जब तक अंग्रेजी में आधिकारिक अनुवाद न हो।

प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि 23 अक्टूबर के हिन्दी आदेश को अधिकृत अंग्रेजी अनुवाद के साथ अपलोड किया जाना चाहिए था। ऐसा न करना राजभाषा अधिनियम 1963 के साथ-साथ इलाहाबाद उच्च न्यायालय के नियमों का उल्लंघन है। ऐसी चूक आदेश की वैधता पर प्रश्न उठाती है।

वहीं, श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पक्षकार व श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि हिन्दी के ऑर्डर वैध हैं। उनकी मांग गलत है। मुस्लिम पक्ष मामले को सिर्फ लम्बित रखना चाहता है। इसीलिए वह तरह-तरह के आवेदन दाखिल कर रहा है। रिकॉल आवेदन खारिज होने के बाद मुस्लिम पक्ष ने यह नया आवेदन दाखिल किया है। यह भी खारिज करने योग्य है।

श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष व पक्षकार आशुतोष पांडेय ने कहा कि अब न्यायालय को मुकदमे में वाद बिन्दु तय करना है। ऐसे में मुस्लिम पक्ष चाहता है कि मुकदमें की कार्रवाई आगे न बढ़ पाए, इसलिए अनावश्यक आवेदन दाखिल किए जा रहे हैं।

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आखरी अपडेट: 22nd Nov 2024