प्रतिक्रिया | Tuesday, October 22, 2024

नोबेल पुरस्कार विजेता पॉल माइकल रोमर ने भारत की डिजिटल क्रांति की प्रशंसा की, कहा- समाज के सभी वर्गों को लाभ

नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर पॉल माइकल रोमर ने अपनी भारत यात्रा के दौरान देश की डिजिटल क्रांति की जमकर प्रशंसा की तथा नागरिकों के जीवन में बदलाव लाने में सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि भारत की डिजिटल क्रांति यात्रा काफी दिलचस्प है। भारत ने डिजिटल क्रांति से समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचाया है।

भारत की डिजिटल क्रांति बेहद प्रेरणादायक

प्रो.रोमर ने कहा कि भारत की डिजिटल क्रांति बेहद प्रेरणादायक है और इसने वैश्विक शक्तियों के लिए एक नया मानक स्थापित किया है। माइकल रोमर ने कहा कि विशेष रूप से आर्थिक विषमताओं को दूर करने और समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचाने की इसकी क्षमता के मामले में डिजिटल नवाचार के प्रति भारत का दृष्टिकोण विश्व स्तर पर अलग है।

भारत ने डिजिटल क्रांति से समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचाया

उन्होंने कहा कि भारत की डिजिटल क्रांति यात्रा काफी दिलचस्प है। भारत ने डिजिटल क्रांति से समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचाया है। इससे केवल कुछ खास वर्ग का फायदा नहीं हुआ बल्कि सभी वर्गों को समान रूप से लाभ मिला। उन्होंने कहा कि यह दुनिया भर के अधिकांश अन्य देशों से बहुत अलग है। इसलिए मुझे लगता है कि भारत में सफलता अद्वितीय है और दूसरे देश इससे सीख सकते हैं। आपको बता दें प्रोफेसर रोमर, भारत में एक मीडिया हाउस के समिट में भाग लेने पहुंचे हैं।

ये प्रगति ग्लोबल साउथ के देशों के लिए मूल्यवान सीख प्रदान करती है

यूपीआई, आधार, डिजीलॉकर और डिजीयात्रा जैसी पहलों के बारे में बात करते हुए, रोमर ने कहा कि इन विकासों ने दैनिक जीवन को अधिक कुशल और सुलभ बना दिया है। प्रो. रोमर के अनुसार, ये प्रगति अन्य देशों, खासकर ग्लोबल साउथ के देशों के लिए मूल्यवान सीख प्रदान करती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की यात्रा यह दिखाती है कि कैसे देश अपने डिजिटल भविष्य को आकार दे सकते है।”

भारत ऐसा कर सकता है तो हम भी कर सकते हैं

प्रो.पॉल माइकल रोमर ने कहा कि डिजिटल साउथ के दूसरे देशों को खुद को आगे आना चाहिए और यह कहना चाहिए कि अगर भारत ऐसा कर सकता है तो हम भी कर सकते हैं। देशों में आत्मविश्वास और महत्वाकांक्षा होनी चाहिए कि वे कुछ ऐसा करें जो पहले कभी नहीं किया गया हो, जैसे भारत ने आधार नंबर बनाकर किया।

हमें अमीर देशों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए

उन्होंने दूसरे देशों को सलाह दी कि वह भारत के अनुभव की नकल कर सकते हैं और खुद को डिजिटल क्रांति का सहभागी बनना चाहिए। प्रो.रोमर ने कहा कि उन्हें खुद से यह भी कहना चाहिए कि हमें अमीर देशों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। हम शायद अमीर देशों को इंचार्ज भी न बनने दें क्योंकि वे जीवन की गुणवत्ता में उस तरह के सुधार नहीं ला सकते जो हम अपने नागरिकों के लिए वास्तव में चाहते हैं।

डिजिटल अवसंरचना चुनौतियों के बावजूद इस तरह के व्यापक डिजिटल सुधारों को लागू करने की भारत की क्षमता के बारे में पहले व्यक्त की गई आशंकाओं पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि आकार सफलता का निर्धारण नहीं करता है, उन्होंने चीन, सिंगापुर, ताइवान और दक्षिण कोरिया जैसे एशियाई देशों की सफलता का हवाला दिया।

कॉपीराइट © 2024 न्यूज़ ऑन एयर। सर्वाधिकार सुरक्षित
आगंतुकों: 9916012
आखरी अपडेट: 22nd Oct 2024