प्रतिक्रिया | Sunday, October 06, 2024

नेपाल के तराई क्षेत्र में हुई भारी बारिश ने उत्तर बिहार के 12 जिलों का हाल बेहाल कर रखा है। बीते 28 सितम्बर को कोसी बराज (सुपौल जिला) और गंडक बराज (पश्चिम चंपारण) जिले से 11 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज होने के बाद उत्तर बिहार के करीब सभी जिले बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ की विभिषिका को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मंगलवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।

प्रत्येक वर्ष आने वाली इस त्रासदी से निबटने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता

सहरसा में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री चिराग ने कहा कि प्रत्येक वर्ष आने वाली इस त्रासदी से निबटने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। चिराग पासवान यहां सड़क मार्ग से नवहट्टा स्थित ई-2 घाट पहुंचे, जहां से नाव के जरिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना करते हुए केदली गांव पहुंचे। यहां पीड़ितों से मिलकर उनलोगों का हालचाल जाना और पार्टी स्तर से राहत किट का भी वितरण किया। इसके बाद चिराग पासवान सड़क मार्ग से हेमपुर चौक पर पहुंचे, पीड़ितों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुना और मदद का भरोसा दिया।

इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष आने वाली इस त्रासदी से निबटने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार से बातचीत कर स्थायी निदान करवाने की बात भी कही।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया

दूसरी ओर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी आज मंत्री विजय चौधरी, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के सलाहकार दीपक कुमार के साथ हवाई सर्वे किया और हालात की जानकारी ली। साथ ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिये। सीएम ने नीतीश ने दरभंगा, मधेपुरा, अररिया, पश्चिम चंपारण-पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी सहित वैशाली जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। लौटने के क्रम में उन्होंने वैशाली जिले में समुदायिक किचन का निरीक्षण किया।

अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिये

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राहत और बचाव कार्य में किसी तरह की कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने 20 सितंबर को भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया था और अधिकारियाें काे राहत कार्य जल्द से जल्द करने का निर्देश दिया था।

बिहार में बाढ़ की स्थिति और भी भयावह

हालांकि, इसके बाद कई जिलाें में बांध टूटने का सिलसिला जारी रहा और बाढ़ की स्थिति और भी भयावह हाे गयी, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने मंगलवार काे फिर से एरियल सर्वेे किया। उल्लेखनीय है कि नेपाल से छाेड़े गये पानी से बिहार में बाढ़ के कारण 16 जिलों के करीब चार लाख लोग प्रभावित हो गए हैं। बाढ़ से हाहाकार की स्थिति बन गई है। जिला प्रशासन की तरफ से राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं लेकिन वह नाकाफी साबित हो रहे हैं। सरकार द्वारा प्रभावित इलाकों में लोगों के लिए तमाम तरह की मदद पहुंचाई जा रही है लेकिन बड़े स्तर पर राहत और बचाव कार्य चलाने की जरूरत है।

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आखरी अपडेट: 6th Oct 2024