केंद्रीय कौशल विकास मंत्री जयंत चौधरी ने गुजरात के गांधीनगर में 40 कौशल पाठ्यक्रम प्रदान करने वाले एनएसडीसी-पीडीईयू केंद्र का शुभारंभ किया। एनएसडीसी-पीडीईयू केंद्र में सेमीकंडक्टर, सौर और स्मार्ट विनिर्माण में ऑनलाइन तथा हाइब्रिड पाठ्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय विकास का संचालक बनाने के लिए उन्हें सशक्त बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
जयंत चौधरी ने अपने संबोधन में कहा, “विश्वविद्यालय केवल अकादमिक शिक्षा के केंद्र नहीं हैं, बल्कि वे युवा प्रतिभाओं को दुनिया की गतिशील वास्तविकताओं से जोड़ने वाले परिवर्तनकारी संपर्क हैं। विद्यार्थियों को तकनीकी विशेषज्ञता और व्यापक-आधार वाले उदार शिक्षा दोनों से सुसज्जित करके, वे आलोचनात्मक रूप से सोचने, निडरता से नवाचार करने और चतुराई के साथ अनुकूलन करने की क्षमता विकसित करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि गुजरात इस यात्रा में अग्रणी के रूप में उभरा है, जिसने अकादमिक कठोरता, उद्योग भागीदारी और समग्र विकास पर मजबूती के साथ ध्यान केंद्रित करके अपने उच्च शिक्षा परिदृश्य को नया रूप दिया है। और हमारे विश्वविद्यालय एक ऐसी पीढ़ी का निर्माण कर रहे हैं जो न केवल रोजगार योग्य है बल्कि कल्पनाशील, दायित्वपूर्ण और राष्ट्र की प्रगति के लिए गहराई से प्रतिबद्ध है।
जयंत चौधरी ने इस बात पर भी बल दिया कि पूरे भारत के विश्वविद्यालयों को उद्योग की उभरती मांगों के साथ तालमेल बिठाना चाहिए और विद्यार्थियों को सक्रिय रूप से कौशल प्रदान करना चाहिए। “हमें अपने विश्वविद्यालयों को नवाचार का संचालक बनने के लिए-न केवल बाजार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, बल्कि राष्ट्रीय विकास को आगे बढ़ाने के लिए सशक्त बनाना चाहिए। जब विश्वविद्यालय नवाचार का नेतृत्व करते हैं, तो यह-समाज और राष्ट्र के लाभ के उद्देश्य से प्रेरित होता है।”
उल्लेखनीय है, यह केंद्र विशेष प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए उन्नत विनिर्माण क्षमता प्रयोगशालाओं से सुसज्जित होगा। केंद्र सेमीकंडक्टर विनिर्माण, नवीकरणीय और गैर-नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल एज, स्मार्ट विनिर्माण और अन्य क्षेत्रों में 40 से अधिक ऑनलाइन और हाइब्रिड पाठ्यक्रम प्रदान करेगा। एनएसडीसी उत्कृष्टता केंद्र के सुचारू संचालन और विद्यार्थियों को कार्यक्रमों के निर्बाध वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर परियोजना की प्रगति की निगरानी करेगा, जिससे विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण मिले और वे भविष्य की नौकरी की भूमिकाओं के लिए तैयार हों।
वहीं, एनएसडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और एनएसडीसी इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक वेद मणि तिवारी ने कहा, “एनएसडीसी में हमारा मुख्य मिशन युवाओं को रोजगारपरक बनाना है और यह सहयोग कौशल इकोसिस्टम को मजबूत करेगा। यह सहयोग ऑटोमोटिव, इलेक्टिक वाहन चार्जिंग, नवीकरणीय ऊर्जा और सेमीकंडक्टर पर आधारित उत्कृष्टता केंद्रों के साथ-साथ स्मार्ट विनिर्माण में प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे के विकास में सहयोग करेगा। सेमीकंडक्टर क्षेत्र में प्रशिक्षण पहले से ही चल रहा है, जिससे युवाओं को अधिक मांग वाले, भविष्योन्मुखी क्षेत्रों में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।