मथुरा से होली की शुरुआत हो चुकी है। बुधवार को रंगभरनी एकादशी के मौके पर देशभर के मंदिरों में भगवान को गुलाला चढ़ाए गए। इस बीच वृंदावन में विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में होली की मस्ती भक्तों के सिर चढ़कर बोल रही है। रंगभरनी एकादशी पर बुधवार को श्री बांके बिहारी मंदिर में ठाकुरजी सोने-चांदी की पिचकारी से होली खेल रहे हैं। ठाकुर जी के रंग में सराबोर होने के लिए हर कोई बेताब नजर आ रहा है। देश-विदेश से आए श्रद्धालु होली के रंग में सराबोर दिखाई दे रहे हैं।
सोने-चांदी की पिचकारी से भक्तों के संग खेली होली
रंगभरनी एकादशी पर श्री बांके बिहारी गर्भगृह से बाहर जगमोहन में आए और चांदी के सिंहासन पर होकर अपने भक्तों के संग सोने-चांदी की पिचकारी से होली खेली। गोस्वामियों ने ठाकुरजी को केसर, इत्र, चोबा, गुलाल और टेसू के रंग सेवित किए। इसके बाद टेसू के फूलों से बना रंग सेवायतों ने पिचकारी और टोकनाओें से श्रद्धालुओं पर बरसाया। गेंदा, गुलाब के फूल बरसाए गए। मंदिर के प्रवेश मार्गों पर पुलिस रोक-रोक कर श्रद्धालुओं को मंदिर की ओर भेज रही है ताकि मंदिर और गलियों में श्रद्धालुओं की स्थिति सामान्य बनी रहे। श्रद्धालु सहज ही बांके बिहारी के दर्शन करने के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं।
इसी प्रकार राधावल्लभ मंदिर, राधादामोदर मंदिर और ठाकुर राधारमण मंदिर में भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शन करने पहुंचे। इन मंदिरों में भी सेवायत गोस्वामी श्रद्धालुओं पर गुलाल बरसा रहे हैं।
बांकेबिहारी के आंगन में होली का आनंद
बांकेबिहारी के प्रसादी रंग में सराबोर होकर भक्तों ने होली का जो धमाल मचाया मानो पूरी दुनियाभर की होली का आनंद केवल बांकेबिहारी के आंगन में ही आता दिखाई दे रहा है। इस बीच पुलिस प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान रखा। इस बार मथुरा मुंसिफ कोर्ट न्यायालय द्वारा दर्शनार्थियों पर बांकेबिहारी मंदिर में गुलाल, रंग, फायर बिग्रेड सिलेंडर ले जाने पर रोक लगा दी है। अपने आराध्य संग होली खेलने के लिए लाखों श्रद्धालु वृंदावन पहुंचे हैं। इस मौके पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचने के लिए श्रद्धालुओं को रोक- रोक कर मंदिर की ओर भेजा जा रहा है।
होली के समय में सबसे महत्वपूर्ण एकादशी
मंदिर सेवायत शुभम गोस्वामी ने बताया कि रंगभरनी एकादशी होली के समय में सबसे महत्वपूर्ण एकादशी मानी जाती है, इस दिन लाखों की संख्या में भक्त वृंदावन की परिक्रमा करते हैं, इसके अलावा बांकेबिहारी मंदिर में इसी दिन भगवान अपने गर्भगृह से निकल कर जगमोहन में आकर भक्तों को दर्शन देते हैं। इसके साथ ही आज ही के दिन बांकेबिहारी महाराज खास सफेद रंग की पोशाक धारण करते हैं और उनके गालों पर गुलचप्पे भी लगाये जाते हैं। सेवायतों द्वारा भगवान को चांदी की पिचकारी से टेसू का बना खास रंग लगाया जाता है। इसके बाद वही प्रसादी रंग भक्तों के ऊपर भी बिहारी जी की सोने चांदी की पिचकारियों से डाला जाता है। इसके अलावा होली के मौके पर उन्हें जलेबी और ठंडाई का विशेष भोग लगाया जाता है।