प्रतिक्रिया | Thursday, May 09, 2024

‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ पर कोविंद समिति ने राष्ट्रपति मुर्मु को सौंपी रिपोर्ट, 2029 से देश में की एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश

‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को सौंप दी है। समिति को मौजूदा संवैधानिक ढांचे को ध्यान में रखते हुए लोकसभा, विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए संभावनाएं तलाशने और सिफारिशें करने का काम सौंपा गया था। 

केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी दी जानकारी

इस बात की जानकारी समिति के सदस्य व केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी दी। गुरुवार को एक्स हैंडल पर राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपने की तस्वीर साझा करते हुए अर्जुन राम मेघवाल ने लिखा- “आज पूर्व राष्ट्रपति आदरणीय रामनाथ कोविंद जी की अध्यक्षता में गठित ‘एक देश एक चुनाव’ कमेटी के सदस्य के रूप में महामहिम राष्ट्रपति आदरणीया द्रौपदी मुर्मु जी को अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपी। इस अवसर पर माननीय गृहमंत्री श्री अमित शाह सहित कमेटी के सभी सम्माननीय सदस्यगण उपस्थित रहे।”

https://x.com/arjunrammeghwal/status/1768167658611003455?s=20

सभी दल सहमत हुए तो 2029 से ही लागू हो सकता है प्रस्ताव

इसे लेकर समिति ने तमाम राजनीतिक दलों से उनकी राय भी जानी थी। उच्च स्तरीय समिति ने कई महत्वपूर्ण सुझाव अपनी रिपोर्ट में दिए हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि विधि आयोग के प्रस्ताव पर सभी दल सहमत हुए तो ये 2029 से ही लागू हो सकता है। साथ ही इसके लिए दिसंबर 2026 तक 25 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने होंगे। 

मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम विधानसभाओं का कार्यकाल 6 महीने बढ़ाकर जून 2029 तक लागू किया जा सकता है और उसके बाद सभी राज्यों में एक साथ विधानसभा और लोकसभा चुनाव हो सकते हैं। 

रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली इस समिति में कौन थे शामिल ?

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली इस समिति में 7 सदस्य थे जिनमें गृहमंत्री अमित शाह, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के.सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष कश्यप, पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी और वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश सालवे भी शामिल थे। इस कमेटी में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी सदस्य बनाया गया था, पर उन्होंने असहमति जताते हुए उसी समय इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया था।

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आखरी अपडेट: 9th May 2024