स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि 15 जुलाई तक देश में कुल 1,78,154 आयुष्मान आरोग्य मंदिर चालू हो चुके हैं। आयुष्मान आरोग्य मंदिर के माध्यम से उप-स्वास्थ्य केंद्रों (एसएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) को सुदृढ़ करके व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाती है। ये एएएम संचारी रोगों, गैर-संचारी रोगों (एनसीडी), प्रजनन और बाल स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं सहित सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए निवारक, प्रोत्साहन, पुनर्वास और उपचारात्मक देखभाल प्रदान करते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में जानकारी दी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत 2015 में ‘निःशुल्क जांच सेवा पहल’ (एफडीएसआई) कार्यक्रम शुरू किया था, जिसका उद्देश्य समुदाय के निकट सुलभ और किफायती रोग-संबंधी और रेडियोलॉजिकल निदान सेवाएं प्रदान करना है।
एफडीएसआई का उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के सभी स्तरों पर निःशुल्क निदान सेवाओं की विस्तृत श्रृंखला प्रदान करना है, जिसमें उप-केंद्रों पर 14 और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 63 परीक्षण शामिल हैं। बीमारियों के प्रबंधन के अलावा, प्रोत्साहक और निवारक स्वास्थ्य व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल का एक अभिन्न अंग है।
एएएम में योग, साइकिलिंग और ध्यान जैसी स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। 30 जून, 2025 तक, एएएम में कुल 5.73 करोड़ स्वास्थ्य सत्र आयोजित किए जा चुके हैं।
वहीं, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) का उद्देश्य एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म तैयार करना है जो स्वास्थ्य इको-सिस्टम के भीतर स्वास्थ्य डेटा की अंतर-संचालनीयता को सक्षम बनाए ताकि प्रत्येक नागरिक का अनुदैर्ध्य इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड तैयार किया जा सके, नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सेवा सुलभ हो, जिसमें देखभाल की लागत कम करना और सार्वजनिक एवं निजी स्वास्थ्य संस्थानों के बीच स्वास्थ्य सेवा वितरण में अधिक दक्षता सक्षम करना शामिल है।
एबीडीएम द्वारा निर्मित डिजिटल स्वास्थ्य इको-सिस्टम प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं में निर्बाध रूप से देखभाल की निरंतरता का समर्थन करता है। अब तक विभिन्न स्वास्थ्य पोर्टलों में 79.75 करोड़ एबीएचए (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते) आईडी बनाए जा चुके हैं और 65.34 करोड़ इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड (ईएचआर) लिंक किए जा चुके हैं।
एएएम की स्थापना और रखरखाव की अनुमानित लागत लगभग 17.03 लाख रुपये है, जिसमें एकमुश्त लागत और एक वर्ष की आवर्ती लागत शामिल है। एनएचएम के अंतर्गत एएएम की स्थापना और रखरखाव के लिए कुल बजट, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम कार्यान्वयन योजना (पीआईपी) के अनुसार एनएचएम कार्यवाही रिकॉर्ड (आरओपी) के अंतर्गत अनुमोदित किया जाता है।