पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 509 के खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। दूषित हवा के इस खतरनाक स्तर ने पेशावर को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की श्रेणी पर पहुंचा दिया है। मुल्क के पंजाब प्रांत के शहरों को ढकने वाली धुंध भरी हवा अब खैबर पख्तूनख्वा की ओर बढ़ गई है और पेशावर और आसपास के जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है।
लाहौर में भी स्मॉग की समस्या बढ़ी
वहीं ग्रीन मास्टर प्लान की हालिया एक रिपोर्ट में लाहौर में स्मॉग की चिंताजनक वृद्धि के कारकों का जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि शहर के तेजी से विकास ने लाहौर को कंक्रीट के जंगल में बदल दिया है। इससे लाहौर में स्मॉग की समस्या बढ़ गई है। हरे-भरे स्थानों में कमी के कारण तापमान में वृद्धि हुई है।
‘हीट आइलैंड’ में बदला लाहौर
इस वजह से शहर ‘हीट आइलैंड’ में बदल गया है। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि 33 वर्ग किलोमीटर औद्योगिक क्षेत्र तो आवासीय क्षेत्रों के पास स्थित है। यह लाहौर की धुंध समस्या में महत्वपूर्ण कारक है। इसमें चेतावनी दी गई है कि यदि अगले दशक के भीतर बिखरे हुए उद्योगों को निर्दिष्ट औद्योगिक क्षेत्रों में स्थानांतरित नहीं किया गया, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
ऐसे में लाहौर में पार्क और बागवानी प्राधिकरण ने प्रदूषण को कम करने के लिए हरित पट्टियों और सड़कों के किनारे के पेड़ों और पौधों को धोने के प्रयासों में तेजी ला दी है। गुलबर्ग, मॉडल टाउन और अन्य मुख्य मार्गों पर इसी तरह की गतिविधियों के साथ मॉल रोड, जेल रोड और फिरोजपुर रोड पर रोजाना पेड़ धोने का कार्य चल रहा है। प्राधिकरण के महानिदेशक मुहम्मद ताहिर वट्टू के अनुसार टीम सुबह से रात तक काम कर रही है। धुंध और प्रदूषण से निपटने के लिए आवश्यक उपाय के रूप में पौधरोपण को प्राथमिकता दी जा रही है।
गौरतलब है कि 0 से 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा, 51 और 100 के बीच संतोषजनक, 101 और 200 के बीच मध्यम, 201 और 300 के बीच खराब, 301 और 400 के बीच बेहद खराब, 401 और 500 के बीच को गंभीर श्रेणी में माना जाता है। (इनपुट-हिंदुस्थान समाचार)