18वां एशियाई प्रशांत-जर्मन व्यापार सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने शिरकत की। पीएम मोदी ने भारतीय आकांक्षाओं, विकसित भारत का रोडमैप और तकनीक और स्किल की बदौलत दुनिया को भरोसा दिलाया कि भविष्य की समस्याओं का समाधान देने में भारत सक्षम है। उन्होंने निवेशकों से आह्वान किया कि भारत की ग्रोथ स्टोरी से जुड़ने का यही समय है, सही समय है।
पीएम मोदी ने बताए भारत की ग्रोथ के टूल्स
पीएम मोदी ने कहा आज भारत डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी, डिमांड और डाटा के मजबूत पिलर्स पर खड़ा है। टैलेंट, टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर भारत की ग्रोथ के टूल्स हैं।
आज दुनिया को स्टेबिलिटी और सस्टेनेबिलिटी की जरूरत
पीएम मोदी ने जर्मनी-भारत के एशिया-पेसिफिक बिजनेस समिट को वैश्विक सप्लाई ट्रस्ट और स्टेबिलिटी के लिए अहम बताया। पीएम मोदी ने कहा दुनिया को स्टेबिलिटी और सस्टेनेबिलिटी की जरूरत है। ट्रस्ट और ट्रांसपेरेंसी की जरूरत है, चाहे सोसाइटी हो या फिर सप्लाई चेन। हर मोर्चे पर इन वैल्यूज को बल देने की जरूरत है। इनके बिना कोई भी देश कोई भी रीजन अपने बेहतर फ्यूचर की कल्पना नहीं कर सकता।
इंडो-पेसिफिक रीजन दुनिया के फ्यूचर के लिए बहुत जरूरी
इंडो-पेसिफिक रीजन तो दुनिया के फ्यूचर के लिए बहुत जरूरी है। ग्लोबल ग्रोथ हो, पॉपुलेशन हो, स्किल्स हों, इस रीजन का कंट्रीब्यूशन और पोटेंशियल दोनों बहुत व्यापक है।
आज भारत डाइवर्सिफिकेशन और डी-रिस्किंग का सबसे बड़ा केंद्र
आज भारत डाइवर्सिफिकेशन और डी-रिस्किंग का सबसे बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। भारत ग्लोबल ट्रेड और मैन्युफैक्चरिंग का भी हब बन रहा है।
जर्मनी ने भारतीयों के लिए हर वर्ष मिलने वाले वीजा की संख्या 90 हजार की
पीएम मोदी ने कहा, भारत की स्किल्ड मैनपावर पर जर्मनी ने जो भरोसा जताया है, वो अद्भुत है। जर्मनी ने स्किल्ड भारतीयों के लिए हर वर्ष मिलने वाले वीजा की संख्या 20 हजार से बढ़ाकर 90 हजार करने का फैसला किया है।
ये साल भारत-जर्मनी स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का 25वां वर्ष
पीएम मोदी ने कहा, ये साल, भारत-जर्मनी स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का 25वां वर्ष है। अब आने वाले 25 वर्ष, इस पार्टनरशिप को नई बुलंदी देने वाले हैं।
हिंद-प्रशांत में वैश्विक नियमों का पालन जरूरी
जर्मन चांसलर ने भी संघर्षों के समाधान पर जोर देते हुए वैश्विक नियम कानूनों के पालन को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्र नौवहन और नियम आधार्दय समाधान पर जोर दिया। उन्होंने भारत के साथ मजबूत सहयोग पर बल दिया। जर्मन चांसलर ने कहा जर्मनी भारत के साथ अधिक सहयोग का पक्षधर है। वहीं उन्होंने साथ ही कहा कि भारत-जर्मन व्यापार सहयोग से दोनों ही देशों को लाभ हुआ है।
उल्लेखनीय है कि जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज इस समय भारत की यात्रा पर हैं। उन्होंने 18वीं एशिया प्रशांत-जर्मन व्यापार सम्मेलन में भाग लिया।