प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंदन, यूनाइटेड किंगडम पहुंच गए। वह 23 से 24 जुलाई तक यूनाइटेड किंगडम की आधिकारिक यात्रा पर हैं। इस यात्रा के दौरान, पीएम मोदी, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं पर व्यापक चर्चा करेंगे। वह क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। दोनों पक्ष व्यापार और अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और नवाचार, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु, स्वास्थ्य, शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापक रणनीतिक साझेदारी (CSP) की प्रगति की भी समीक्षा करेंगे।
यात्रा पर रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर कहा, “ब्रिटेन के लिए प्रस्थान कर रहा हूं, एक ऐसा देश जिसके साथ हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी ने पिछले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण गति प्राप्त की है। मैं प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ अपनी वार्ता और महामहिम राजा चार्ल्स तृतीय के साथ अपनी बैठक के लिए उत्सुक हूं ।”
पदभार ग्रहण करने के बाद से यह प्रधानमंत्री की यूनाइटेड किंगडम की चौथी यात्रा है। इससे पहले वे 2015 और 2018 में भी ब्रिटेन की यात्रा कर चुके हैं, और 2021 में ग्लासगो में आयोजित COP26 शिखर सम्मेलन में भी वहां गए थे। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री स्टारमर पिछले साल दो दो बार मिल चुके हैं, पहली बार पिछले साल रियो डी जेनेरियो में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान, और हाल ही में, पिछले महीने जून में, कनाडा के कनानसकीस में G7 शिखर सम्मेलन के दौरान।
आपको बता दें, ब्रिटेन में भारतीय मूल के लोग, लगभग 1.8 मिलियन प्रवासी भारतीय है। इन लोगों ने दोनों देशों के बीच मैत्री के बंधन को मजबूत करने में योगदान तो दिया ही है, साथ ही ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था और समाज में भी अत्यंत मूल्यवान योगदान दिया है। पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर भारतीय प्रवासियों के बीच काफी उत्साह है। भारतीय समुदाय के लोग उनसे मिलने के लिए बहुत उत्साहित हैं। वह पीएम मोदी और प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने की भीप्रतीक्षा कर रहे हैं। उनका कहन है कि फ्री ट्रेड एग्रीमेंट’ के साथ-साथ दोनों देशों के बीच टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी होगा। यह कई देशों के लिए फायदेमंद है। भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ जुड़ने के बाद ब्रिटिश अर्थव्यवस्था भी तेजी से बढ़ेगी। पूरी दुनिया को इसका लाभ मिलेगा।
दरअसल, भारत-ब्रिटेन साझेदारी को 2021 में व्यापक रणनीतिक साझेदारी में उन्नत किया गया था और तब से नियमित रूप से उच्च-स्तरीय राजनीतिक आदान-प्रदान हुए हैं। वहीं, दोनों पक्ष इस साझेदारी को और भी उच्च स्तर पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। समकालीन समय में, व्यापार, प्रौद्योगिकी, अनुसंधान, शिक्षा, नवाचार और ज्ञान अर्थव्यवस्था के क्षेत्र द्विपक्षीय सहयोग के प्रमुख स्तंभ बनकर उभरे हैं।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में 55 अरब डॉलर को पार कर जाएगा। ब्रिटेन भारत में छठा सबसे बड़ा निवेशक भी है, जिसका संचयी निवेश 36 अरब डॉलर है। भारत स्वयं ब्रिटेन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का एक बड़ा स्रोत है, जिसका संचयी निवेश लगभग 20 अरब डॉलर है। ब्रिटेन में लगभग एक हज़ार भारतीय कंपनियां हैं, जो लगभग 1,00,000 लोगों को रोज़गार प्रदान करती हैं और जिनका संचयी राजस्व 91 अरब डॉलर से अधिक है।
वहीं अपने प्रस्थान वक्तव्य में पीएम मोदी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री स्टार्मर के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे, जिसमें दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को और मजबूत करने पर चर्चा होगी, ताकि समृद्धि, विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जा सके।