केंद्र सरकार की “पीएम सूर्य घर : मुफ्त बिजली योजना” को एक साल पूरा होने को है। इस योजना के तहत अब तक 8.46 लाख घरों को लाभ मिल चुका है। 13 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य घरों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना और बिजली बिल को शून्य करना है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत सरकार का लक्ष्य है कि मार्च 2027 तक 1 करोड़ घरों में सोलर पैनल लगाए जाएं जिससे भारत रिन्युएबल एनर्जी (नवीकरणीय ऊर्जा) की दिशा में बड़ी सफलता हासिल कर सके।
पिछले एक साल में, हर महीने औसतन 70,000 घरों में सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं जो पहले की तुलना में 10 गुना ज्यादा है। इस योजना को सफल बनाने में सरकार की 40% तक की सब्सिडी एक अहम भूमिका निभा रही है। इसके लिए अब तक सरकार ने ₹4,308.66 करोड़ की वित्तीय सहायता जारी की है जिससे 5.54 लाख घरों को इस सब्सिडी का फायदा मिला है। हर परिवार को औसतन ₹77,800 की सब्सिडी दी जा रही है। इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि अब तक 45% लाभार्थियों के बिजली बिल शून्य हो गए हैं क्योंकि वे अपनी जरूरत की बिजली खुद पैदा कर रहे हैं।
सौर ऊर्जा से न सिर्फ घरों को राहत मिलेगी बल्कि सरकार को भी हर साल ₹75,000 करोड़ की बिजली लागत बचाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, यह योजना पर्यावरण के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित होगी। अगले 25 वर्षों में, ये सोलर पैनल करीब 1,000 अरब यूनिट बिजली उत्पन्न करेंगे और 720 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करेंगे। इससे भारत की स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्य को भी बल मिलेगा।
इस योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया को भी सरल बनाया गया है। कोई भी इच्छुक व्यक्ति नेशनल पोर्टल https://www.pmsuryaghar.gov.in/ पर जाकर आवेदन कर सकता है जहां से वह सही वेंडर चुन सकता है और अपनी जरूरतों के अनुसार सिस्टम का चयन कर सकता है। सबसे अच्छी बात यह है कि सब्सिडी की राशि आमतौर पर 15 दिनों के भीतर लाभार्थी के खाते में जमा हो जाती है। साथ ही, सरकार ने 3 किलोवाट तक के सोलर सिस्टम के लिए 7% ब्याज दर पर बिना गारंटी के सस्ते लोन की सुविधा भी दी है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सकें।
यह योजना महज बिजली बचाने तक सीमित नहीं है बल्कि इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं। अब तक 17 लाख से ज्यादा नौकरियां सोलर पैनल निर्माण, सप्लाई चेन, बिक्री, इंस्टॉलेशन और रखरखाव जैसे क्षेत्रों में दी जा चुकी हैं जिससे आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिल रहा है। इसके अलावा, इस योजना के तहत “मॉडल सोलर विलेज” कार्यक्रम भी शुरू किया गया है जिससे गांवों में भी सौर ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा। इस पहल के लिए ₹800 करोड़ का बजट तय किया गया है और हर जिले के एक गांव को सोलर पावर से आत्मनिर्भर बनाने के लिए ₹1 करोड़ की केंद्रीय सहायता दी जाएगी। इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिजली पहुंचाने में मदद मिलेगी और सौर ऊर्जा के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।-(PIB)