पोप फ्रांसिस के शनिवार को होने वाले राजकीय अंतिम संस्कार से पहले उनके ताबूत को सील करने की रस्म की तैयारी शुरू कर दी गई है। रोमन चर्च के कैमरलेंगो कार्डिनल केविन फैरेल दिवंगत पोप फ्रांसिस के ताबूत को सील करने की रस्म की अध्यक्षता करेंगे। इस धार्मिक रस्म में कई कार्डिनल और होली सी कार्यालय के अधिकारी शामिल होंगे। यह रस्म सेंट पीटर बेसिलिका में आज पूरी की जाएगी। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भी अंतिम संस्कार के समय मौजूद रहेंगी।
वेटिकन न्यूज के अनुसार, बुधवार सुबह वेटिकन बेसिलिका को श्रद्धालुओं के लिए खोला गया। इसके बाद से 24 घंटों में 50,000 से अधिक लोग पोप के अंतिम दर्शन के लिए कन्फेशन की वेदी के सामने से गुजरे। सेंट पीटर बेसिलिका गुरुवार सुबह 5:30 बजे तक खुली रही। डेढ़ घंटे बाद इसे दोबारा खोला गया। ताबूत को सील करने के अनुष्ठान के दौरान कार्डिनल जियोवानी बतिस्ता रे, पिएत्रो पारोलिन, रोजर महोनी, डोमिनिक मैम्बर्टी, मौरो गैम्बेटी, बाल्डासारे रीना और कोनराड क्रेजवेस्की भी मौजूद रहेंगे। इनके अलावा आर्कबिशप एडगर पेना पारा, आर्कबिशप इल्सन डी जीसस मोंटानारी, मोनसिग्नोर लियोनार्डो सैपिएन्ज़ा, वेटिकन चैप्टर के कैनन, वेटिकन के साधारण माइनर पेनिटेंटियरीज, दिवंगत पोप के सचिव और पोंटिफिकल लिटर्जिकल समारोह के मास्टर और आर्कबिशप डिएगो रवेली इस रस्म के दौरान मदद करेंगे।
भारत की राष्ट्रपति दो दिन रहेंगी वेटिकन सिटी में
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पोप फ्रांसिस के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए 25 और 26 अप्रैल को वेटिकन सिटी में रहेंगी। भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को आधिकारिक बयान में यह घोषणा की। राष्ट्रपति मुर्मु पोप के अंतिम संस्कार में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी और सरकार और भारत के लोगों की ओर से संवेदना व्यक्त करेंगी। 25 अप्रैल को राष्ट्रपति वेटिकन सिटी में सेंट पीटर्स बेसिलिका में दिवंगत पोप को श्रद्धांजलि देंगी। 26 अप्रैल को वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स स्क्वायर में अंतिम संस्कार में शामिल होंगी। अंतिम संस्कार में कई वैश्विक नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों के शामिल होने की उम्मीद है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी रहेंगे मौजूद
वेटिकन ने गुरुवार को कहा कि कम से कम 130 विदेशी प्रतिनिधिमंडलों ने पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में शामिल होने की पुष्टि की है। इनमें 50 राष्ट्राध्यक्ष और 10 सम्राट शामिल हैं, जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, ब्रिटेन के प्रिंस विलियम, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, स्पेन के राजा फेलिप (षष्ठम) और रानी लेटिजिया और ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा प्रमुख हैं।
भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने शोक व्यक्त किया
पोप फ्रांसिस के निधन पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शोक व्यक्त किया था। उन्होंने कहा था कि भारत के लोगों के प्रति पोप का स्नेह हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा, “पोप फ्रांसिस के निधन से बहुत दुख हुआ है। दुख और स्मरण की इस घड़ी में, वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं।” उन्होंने कहा था कि पोप फ्रांसिस को दुनिया भर में लाखों लोग हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे। छोटी उम्र से ही उन्होंने प्रभु ईसा मसीह के आदर्शों को साकार करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया। उन्होंने गरीबों और वंचितों की लगन से सेवा की। जो लोग पीड़ित थे, उनके लिए उन्होंने आशा की भावना जगाई।”
भारत में शनिवार को अंतिम संस्कार के सम्मान में राजकीय शोक
प्रधानमंत्री ने कहा था, “भारत के लोगों के प्रति उनका स्नेह हमेशा संजोकर रखा जाएगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।” उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को विदेश और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने शोक पुस्तिका पर हस्ताक्षर करने के लिए नई दिल्ली स्थित अपोस्टोलिक नन्सिएचर का दौरा किया। इससे पहले भारत ने पोप के निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया। भारत ने गुरुवार को घोषणा की कि 26 अप्रैल को पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार के सम्मान में राजकीय शोक मनाया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि पूरे भारत में उन सभी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा, जहां इसे नियमित रूप से फहराया जाता है और कोई आधिकारिक मनोरंजन नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि पोप फ्रांसिस 13 मार्च, 2013 को पोप बेनेडिक्ट (सोलहवें) से पदभार ग्रहण करने के बाद रोमन कैथोलिक चर्च का नेतृत्व करने वाले पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे।