प्रतिक्रिया | Sunday, December 22, 2024

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मानवाधिकार दिवस के कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु होंगी मुख्य अतिथि

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC)10 दिसंबर, 2024 को मानवाधिकार दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में विज्ञान भवन के प्लेनरी हॉल में एक कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी। इस कार्यक्रम के बाद ‘ मानसिक स्वास्थ्य: कक्षा से कार्यस्थल तक तनाव से निपटना ‘ विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। सम्मेलन के तीन सत्रों में ‘बच्चों और किशोरों में तनाव’, ‘उच्च शिक्षण संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियां’ और ‘कार्यस्थलों पर तनाव और थकान’ शामिल हैं। सम्मेलन का उद्देश्य शिक्षा से लेकर रोजगार तक जीवन के विभिन्न चरणों में तनाव के मनोवैज्ञानिक प्रभावों का पता लगाना और विभिन्न क्षेत्रों में मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए सिफारिशें प्रस्तावित करना है। भारत के पत्र सूचना कार्यालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से यह जानकारी दी है। 

मानवाधिकार दिवस हर साल 10 दिसंबर को मानवाधिकारों की सर्वव्यापी घोषणा (यूडीएचआर) के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1948 में मानवाधिकार को अपनाया था और इसकी सर्वव्यापी घोषणा की थी। यूडीएचआर मानवाधिकारों के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक वैश्विक निर्देश चिन्ह (बेंचमार्क) के रूप में कार्य करता है। वहीं, भारत का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) मानवाधिकार दिवस को दुनिया भर के विभिन्न हितधारकों के लिए अपने कार्यों और जिम्मेदारियों पर विचार करने के अवसर के रूप में देखता है और यह सुनिश्चित करता है कि वे हितधारक मानवाधिकारों के उल्लंघन में योगदान न दें।

एनएचआरसी ने 12 अक्टूबर, 1993 को अपनी स्थापना के बाद से 30 नवंबर, 2024 तक कई मौके पर जांच, खुली सुनवाई और शिविर बैठकें आयोजित की हैं। तीन दशकों से अधिक की अवधि के दौरान आयोग ने कुल 23,14,794 मामले दर्ज किए और 23,07,587 मामलों का निपटारा किया, जिनमें 2,880 मामले स्वतः संज्ञान पर आधारित थे। आयोग ने अब तक मानवाधिकार उल्लंघन के पीड़ितों को मौद्रिक राहत के रूप में लगभग 256.57 लाख रुपये की सिफारिश की है।

आधिकारिक बयान के अनुसार पिछले एक साल के दौरान, 1 दिसंबर, 2023 से 30 नवंबर, 2024 तक, एनएचआरसी ने 65,973 मामले दर्ज किए और 66,378 मामलों का निपटारा किया, जिनमें पिछले वर्षों से आगे बढ़ाए गए मामले भी शामिल हैं। आयोग ने 109 मामलों में स्वतः संज्ञान लिया और पिछले वर्ष की इस अवधि के दौरान मानवाधिकार उल्लंघन के पीड़ितों को 17,24,40,000/- रुपये की आर्थिक राहत की सिफारिश की। आयोग ने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में एक शिविर भी लगाया।

एनएचआरसी ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में मानवाधिकारों की स्थिति का आकलन करने के लिए 14 विशेष प्रतिवेदक नियुक्त किए हैं। ये प्रतिवेदक आश्रयगृहों, जेलों और इसी तरह के संस्थानों का दौरा करते हैं और भविष्य की कार्रवाई के लिए सिफारिशों के साथ रिपोर्ट तैयार करते हैं। 

एनएचआरसी ने मानवाधिकारों के विभिन्न विषयों पर 12 कोर समूह स्थापित किए हैं और सिफारिशों को अंतिम रूप देने के लिए नियमित रूप से विशेषज्ञों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ चर्चा करता है। यह मानवाधिकारों के विभिन्न मुद्दों पर हितधारकों के साथ खुली चर्चाओं का भी आयोजन करता है। पिछले एक साल में इसने मानवाधिकारों के विभिन्न पहलुओं पर कई कोर ग्रुप मीटिंग, खुली चर्चाएं और राष्ट्रीय परामर्श आयोजित किए हैं।

एनएचआरसी ने कई मामलों में हस्तक्षेप किया है, जिनमें कार्यस्थल पर महिलाओं के उत्पीड़न की समस्या का समाधान करने के लिए खेल निकायों को नोटिस जारी करना, बेघर लोगों के लिए मुफ्त आवास की सिफारिश करना, सांप्रदायिक दंगों के पीड़ितों को मुआवजा देना और प्राकृतिक आपदाओं से विस्थापित लोगों के पुनर्वास में सहायता करना शामिल है।

इसके अलावा आयोग ने एचआरसीनेट पोर्टल के माध्यम से अपनी पहुंच का विस्तार किया है, जिससे राज्यों के प्राधिकरण जुड़े हुए हैं और लोगों को ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने तथा वास्तविक समय में शिकायत पर समाधान की स्थिति को ट्रैक करने की सुविधा मिलती है।

 

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आखरी अपडेट: 22nd Dec 2024