प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार (10 सितंबर) को नवगठित अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (ANRF) की पहली गवर्निंग बोर्ड बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार अजय कुमार सूद सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। एनआरएफ का उद्देश्य उद्योग, शिक्षा, और सरकारी विभागों और अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग स्थापित करना और वैज्ञानिक और संबंधित मंत्रालयों के अलावा उद्योगों और राज्य सरकारों की भागीदारी और योगदान के लिए परस्पर तालमेल का एक तंत्र तैयार करना है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की गवर्निंग बॉडी की पहली बैठक के साथ एक नई शुरुआत हुई है। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने देश के अनुसंधान रिसर्च इकोसिस्टम में बाधाओं की पहचान करने और उन्हें दूर करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शोध को मौजूदा समस्याओं के नए समाधान खोजने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि समस्याएं वैश्विक प्रकृति की हो सकती हैं लेकिन उनका समाधान भारतीय जरूरतों के अनुरूप स्थानीय होना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने संस्थानों के उन्नयन और मानकीकरण की आवश्यकता पर चर्चा की। उन्होंने उनकी विशेषज्ञता के आधार पर डोमेन विशेषज्ञों की एक सूची तैयार करने का सुझाव दिया। पीएम ने एक डैशबोर्ड विकसित करने की भी बात कही, जहां देश में हो रहे अनुसंधान और विकास से जुड़ी जानकारी आसानी से ट्रैक की जा सके।
बैठक में पीएम मोदी ने अनुसंधान और नवाचार के लिए संसाधनों के उपयोग की वैज्ञानिक निगरानी की आवश्यकता पर जोर दिया। यह कहते हुए कि यह एक महत्वाकांक्षी शुरुआत है, उन्होंने कहा कि देश के वैज्ञानिक समुदाय को विश्वास होना चाहिए कि उनके प्रयासों के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी।
वहीं, अटल टिंकरिंग लैब्स के सकारात्मक प्रभावों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि इन लैब्स की ग्रेडिंग की जा सकती है। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान पर भी चर्चा की, जैसे पर्यावरण परिवर्तन के लिए नए समाधान की तलाश, ईवी के लिए बैटरी सामग्री, प्रयोगशाला में विकसित हीरे आदि। बैठक के दौरान, गवर्निंग बॉडी ने उन विश्वविद्यालयों को जोड़कर हब और स्पोक मोड में एक कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया, जहां अनुसंधान प्रारंभिक चरण में है और उन्हें मेंटरशिप मोड में शीर्ष स्तरीय स्थापित संस्थानों के साथ जोड़ा गया है।
आपको बता दें, एएनआरएफ इलेक्ट्रिक वाहन (EV) गतिशीलता, उन्नत सामग्री, सौर सेल, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और चिकित्सा प्रौद्योगिकी, सतत कृषि और फोटोनिक्स जैसे चुनिंदा प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में मिशन मोड में समाधान-केंद्रित अनुसंधान पर कार्यक्रम शुरू करेगा। गवर्निंग बॉडी ने यह भी निर्देश दिया कि एएनआरएफ रणनीतियों को विकसित भारत 2047 के लक्ष्यों के अनुरूप होना चाहिए और कार्यान्वयन को दुनिया भर में अनुसंधान और विकास एजेंसियों द्वारा अपनाई गई वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन करना चाहिए।