प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय विदेशी दौरे के दौरान कल मंगलवार को सऊदी अरब के जेद्दा पहुंचने वाले हैं। यह पिछले चार दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली जेद्दा यात्रा होगी। इस ऐतिहासिक दौरे से भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होने की उम्मीद है। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी एक स्थानीय फैक्ट्री का दौरा भी करेंगे और वहां काम करने वाले भारतीय कामगारों से बातचीत करेंगे। गौरतलब है कि भारत का सऊदी अरब में निवेश तेजी से बढ़ा है। अगस्त 2023 तक भारत ने लगभग 3 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश सऊदी अरब में किया है। ये निवेश प्रबंधन सेवाएं, निर्माण, टेलीकॉम, आईटी, वित्तीय सेवाएं, सॉफ्टवेयर और दवा उद्योग जैसे कई क्षेत्रों में फैले हैं।
सऊदी अरब में कई प्रमुख भारतीय कंपनियों की मजबूत मौजूदगी है, जिनमें लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी), टाटा ग्रुप, विप्रो, टीसीएस, टीसीआईएल, शापूरजी पालोनजी ग्रुप, एयर इंडिया, गो एयर, इंडिगो और स्पाइसजेट शामिल हैं। जेद्दा चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्य और जेद्दा नेशनल हॉस्पिटल व रयान इंटरनेशनल क्लिनिक्स के कार्यकारी निदेशक अली मोहम्मद अली ने कहा “भारतीय कंपनियों की उपस्थिति दोनों देशों के बीच भरोसे और साझी सोच का प्रतीक है। भारतीय कामगारों ने सऊदी अरब के विकास में अहम योगदान दिया है।”
इस दौरान दोनों देशों के बीच सिर्फ व्यापार ही नहीं, संस्कृति के क्षेत्र में भी रिश्ता गहरा हुआ है। सऊदी अरब की विजन 2030 योजना के तहत भारत-सऊदी के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिला है। साल 2021 में योग सहयोग पर एक समझौता (MoU) सऊदी खेल मंत्रालय और भारत के आयुष मंत्रालय के बीच हुआ था। आज सऊदी अरब में योग को आधिकारिक खेल के रूप में मान्यता मिल चुकी है। भारत की एंबेसी लगातार योग से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन करती है, जिनमें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भी शामिल है। सऊदी की योग विशेषज्ञ नौफ मारवई ने कहा “योग ने न केवल लोकप्रियता पाई है, बल्कि भारत और सऊदी अरब के बीच एक सांस्कृतिक पुल भी बना है। भारतीय एंबेसी और लोगों के सहयोग ने इस यात्रा को सफल बनाया है।” प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा व्यापार, संस्कृति और जनसंपर्क के क्षेत्रों में भारत-सऊदी रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।