प्रतिक्रिया | Tuesday, January 21, 2025

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के 150वें स्थापना दिवस के मौके पर ‘मिशन मौसम’ लॉन्च किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि आज हम भारतीय मौसम विभाग यानी आईएमडी के 150 वर्ष सेलिब्रेट कर रहे हैं। ये केवल भारतीय मौसम विभाग की यात्रा नहीं है, ये हमारे भारत में आधुनिक साइंस और टेक्नोलॉजी की भी यात्रा है। 

आईएमडी भारत की वैज्ञानिक यात्रा का प्रतीक बन गया है

आईएमडी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा “इन 150 वर्षों में, आईएमडी ने न केवल करोड़ों भारतीयों की सेवा की है, बल्कि यह भारत की वैज्ञानिक यात्रा का प्रतीक भी बन गया है। आज, इन उपलब्धियों पर एक डाक टिकट और एक विशेष सिक्का भी जारी किया गया है। आईएमडी ने युवाओं को 150 वर्षों की यात्रा से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय मौसम विज्ञान ओलंपियाड का भी आयोजन किया और इसमें हजारों छात्रों ने भाग लिया। इससे मौसम विज्ञान में उनकी रुचि और बढ़ेगी।”

पिछले 10 वर्षों में आईएमडी के इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नॉलजी का हुआ अभूतपूर्व विस्तार

पीएम मोदी ने कहा, वैज्ञानिक संस्थाओं में रिसर्च और इनोवेशन नए भारत के टेम्परामेंट का हिस्सा है। इसलिए पिछले 10 वर्षों में आईएमडी के इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नॉलजी का भी अभूतपूर्व विस्तार हुआ है।

भारत एक क्लाइमेट स्मार्ट राष्ट्र बने इसके लिए लॉन्च किया ‘मिशन मौसम’

भारत एक क्लाइमेट स्मार्ट राष्ट्र बने इसके लिए हमने ‘मिशन मौसम’ भी लांच किया है। मिशन मौसम सस्टेनेबल फ्यूचर और फ्यूचर रेडीनेस को लेकर भारत की प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है।

वैज्ञानिक संस्थानों में शोध और नवाचार न्यू इंडिया की प्रकृति का हिस्सा

आगे उन्होंने कहा, वैज्ञानिक संस्थानों में शोध और नवाचार न्यू इंडिया की प्रकृति का हिस्सा है। इसलिए पिछले 10 वर्षों में आईएमडी के बुनियादी ढांचे का विस्तार किया गया है।

डॉपलर मौसम रडार, स्वचालित मौसम स्टेशन, रनवे मौसम निगरानी प्रणाली, जिलेवार वर्षा निगरानी स्टेशन – ऐसे आधुनिक बुनियादी ढांचे में कई गुना वृद्धि हुई है और उन्हें अपग्रेड भी किया गया है। मौसम विज्ञान अंतरिक्ष तकनीक और डिजिटल तकनीक का भी भरपूर उपयोग कर रहा है।

यह मिशन भारत की प्रतिबद्धता और आने वाली चुनौतियों के लिए सक्रिय तत्परता को दर्शाता है

प्रधानमंत्री ने कहा, हमने जलवायु से जुड़ी हर चुनौती के लिए देश को तैयार करने के लिए मिशन मौसम की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य भारत को जलवायु-स्मार्ट देश में बदलना है। यह मिशन टिकाऊ भविष्य के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और आने वाली चुनौतियों के लिए सक्रिय तत्परता को दर्शाता है।

हमारे पड़ोस में कहीं कोई आपदा आती है, तो भारत सबसे पहले मदद के लिए उपस्थित होता है

पीएम मोदी ने कहा, हमारी मीटीरियोलोजिकल एडवांसमेंट के चलते हमारी डिजास्टर मैनेजमेंट कैपेसिटी बिल्ड हुई है। इसका लाभ पूरे विश्व को मिल रहा है। आज हमारा फलेश फलड गाइडेंस सिस्टम नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका को भी सूचनाएं दे रहा।

हमारे पड़ोस में कहीं कोई आपदा आती है, तो भारत सबसे पहले मदद के लिए उपस्थित होता है। इससे विश्व में भारत को लेकर भरोसा भी बढ़ा है। दुनिया में विश्व बंधु के रूप में भारत की छवि और भी मजबूत हुई है।

अंटार्कटिका में मैत्री और भारती नाम की 2 मौसम संबंधी वेधशालाएं

पीएम मोदी ने कहा आज अंटार्कटिका में मैत्री और भारती नाम की देश की 2 मौसम संबंधी वेधशालाएं हैं। हमने भारत को जलवायु-स्मार्ट राष्ट्र बनाने के लिए मिशन मौसम भी शुरू किया है। मिशन मौसम एक स्थायी भविष्य और भविष्य की तत्परता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है। 

मकर संक्रांति के अवसर पर पीएम मोदी ने प्रसन्नता की व्यक्त

मकर संक्रांति के अवसर पर, पीएम मोदी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आईएमडी की स्थापना उसी दिन हुई थी, जिस दिन यह उनका पसंदीदा त्योहार है।1975 में, IMD की स्थापना 15 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर की गई थी। हम सभी भारत में मकर संक्रांति के महत्व को जानते हैं।

पीएम ने कहा, मैं गुजरात से हूं और मेरा पसंदीदा त्योहार मकर संक्रांति है। आज, गुजरात के लोग अपनी छतों पर जाते हैं और पतंग उड़ाते हैं। जब भी मैं गुजरात में होता था, मैं भी यही करता था। आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा, आज सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है और धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ता है, इस प्रक्रिया को ‘उत्तरायण’ कहा जाता है। 

पीएम मोदी ने आईएमडी के 150वें स्थापना दिवस पर एक स्मारक सिक्का और विजन दस्तावेज ‘विजन 2047’ भी जारी किया। उनके साथ केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी थे जिन्होंने आईएमडी द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि पिछले एक दशक से मौसम पूर्वानुमान की सटीकता में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के सत्ता में आने से पहले मुट्ठी भर रडार नेटवर्क थे, लेकिन अब यह संख्या दोगुनी होकर 39 हो गई है।

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आखरी अपडेट: 21st Jan 2025