प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के दौरे पर पहुंच रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी महाकुंभ मेला 2025 से पहले प्रयागराज में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए लगभग 7,000 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इन परियोजनाओं में 10 नए सड़क पुल और फ्लाईओवर, स्थायी घाट और नदी के किनारे की सड़कों का निर्माण शामिल है, जो प्रयागराज और उसके आसपास कनेक्टिविटी बढ़ाने और यात्रा को आसान बनाने के लिए डिजाइन किए गए हैं।
पीएम मोदी गंगा में अनुपचारित सीवेज को बहने से रोकने के उद्देश्य से परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे। इनमें वर्तमान में नदी में गिरने वाले छोटे नालों को रोकने, टैप करने, मोड़ने और उपचार करने की प्रणालियां शामिल हैं। इससे नदी में बिना उपचार वाले जल का गंगा नदी में पहुंचना पूरी तरह से रोक पाना सुनिश्चित होगा। वे पेयजल और बिजली से संबंधित विभिन्न इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंदिर के प्रमुख गलियारों का उद्घाटन करेंगे। इनमें भारद्वाज आश्रम गलियारा, श्रृंगवेरपुर धाम गलियारा, अक्षयवट गलियारा, हनुमान मंदिर गलियारा आदि शामिल हैं। इन परियोजनाओं से श्रद्धालुओं की पहुंच आसान होगी और आध्यात्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
पीएम मोदी प्रयागराज के महाकुंभ मेला क्षेत्र में तैयारियों का लेंगे जायजा
महज इतना ही नहीं, पीएम मोदी महाकुंभ-2025 मेला क्षेत्र में की जा रही तैयारियों का निरीक्षण भी करेंगे। प्रधानमंत्री दोपहर करीब 12:15 बजे प्रयागराज पहुंचेंगे। उनकी यात्रा पवित्र संगम, गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर औपचारिक पूजा और दर्शन के साथ शुरू होगी। इसके बाद पीएम मोदी ऐतिहासिक अक्षय वट वृक्ष पर पूजा करेंगे, उसके बाद हनुमान मंदिर और सरस्वती कूप में जाकर अन्य धार्मिक अनुष्ठान करेंगे। वह महाकुंभ प्रदर्शनी स्थल का भी दौरा करेंगे, जो आगामी कुंभ मेले की तैयारियों को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करेगा, जो 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित किया जाएगा।
पीएम मोदी ‘सहायक’ चैटबॉट को करेंगे लॉन्च
अपनी यात्रा के दौरान, पीएम मोदी महाकुंभ के दौरान आगंतुकों की सहायता के लिए डिज़ाइन किए गए ‘सहायक’ चैटबॉट को भी लॉन्च करेंगे। अन्य परियोजनाओं के साथ-साथ चैटबॉट से उम्मीद है कि यह आयोजन को और अधिक संगठित और सुलभ बनाएगा, साथ ही प्रयागराज की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में पहचान को मजबूत करेगा।