प्रतिक्रिया | Friday, December 27, 2024

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में ‘वीर बाल दिवस’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने सिख गुरु गोविंद सिंह जी के दो बेटों- साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी को श्रद्धांजलि दी। यही नहीं, इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं से भी बातचीत की। पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत करते हुए, पीएम मोदी ने उनकी असाधारण उपलब्धियों और आकांक्षाओं की सराहना की, और भारत के युवाओं की अपार क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने पोषण परिणामों में सुधार और स्वास्थ्य एवं कल्याण पहलों में सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘सुपोषित पंचायत अभियान’ का भी शुभारंभ किया।

पीएम मोदी ने जनसमूह को किया संबोधित 

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, “आज हम तीसरे ‘वीर बाल दिवस’ का हिस्सा बन रहे हैं। तीन साल पहले हमारी सरकार ने वीर साहिबजादों के बलिदान की अमर स्मृति में ‘वीर बाल दिवस’ मनाने की शुरुआत की थी। अब ये दिन करोड़ों देशवासियों के लिए, पूरे देश के लिए राष्ट्रीय प्रेरणा का पर्व बना है। इस दिन ने भारत के कितने ही बच्चों और युवाओं को अदम्य साहस से भरने का काम किया है।”

उन्होंने साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी की बहादुरी की सराहना की और कम उम्र में उनके बलिदान को याद किया।

उन्होंने कहा, “मुगलों द्वारा किए गए तमाम अत्याचारों और प्रलोभनों के बावजूद, वे इतनी कम उम्र में भी अपने विश्वास पर अडिग रहे। उन्होंने अपने सिद्धांतों से समझौता करने के बजाय जिंदा दफन होना स्वीकार किया। उनका साहस हमारे मजबूत लोकतंत्र की नींव है।” 

प्रधानमंत्री ने सिख गुरुओं की शिक्षाओं और भारत के संविधान के बीच समानताएं बताईं और समानता, सामूहिक कल्याण और राष्ट्रीय हित पर जोर दिया। उन्होंने देश के भविष्य को आकार देने में भारत के युवाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला और युवा-केंद्रित नीतियों के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाने के महत्व पर जोर दिया। 

उन्होंने कहा, गुरु परंपरा ने हमें, सभी को एक समान भाव से देखना सिखाया है और संविधान भी हमें इसी विचार की प्रेरणा देता है। वीर साहिबजादों का जीवन हमें देश की अखंडता और विचारों से कोई समझौता ना करने की सीख देता है और संविधान भी हमें भारत की प्रभुता और अखंडता को सर्वोपरि रखने का सिद्धांत देता है। हमारे लोकतंत्र की विराटता में गुरुओं की सीख है, साहिबजादों का त्याग है और देश की एकता का मूल मंत्र है।

साहिबजादों की वीरता और उनके बलिदान को याद करते हुए उन्होंने पीएम मोदी ने कहा, ”26 दिसंबर का वो दिन, जब छोटी सी उम्र में हमारे साहिबजादों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह की आयु कम थी, लेकिन उनका हौसला आसमान से भी ऊंचा था। साहिबजादों ने मुगल सल्तनत के हर लालच को ठुकराया, हर अत्याचार को सहा।   

‘देश और देशहित से बड़ा कुछ नहीं होता’

जब उन्हें दीवार में चुनवाने का आदेश दिया गया, तो साहिबजादों ने उसे पूरी वीरता से स्वीकार किया। साहिबजादों ने प्राण देना स्वीकार किया, लेकिन आस्था के पथ से विचलित नहीं हुए। वीर बाल दिवस का ये दिन हमें सिखाता है कि चाहे कितनी भी विकट स्थितियां आएं, देश और देशहित से बड़ा कुछ नहीं होता। देश के लिए किया गया हर काम वीरता है। 

‘युवा शक्ति एक नई क्रांति ला रही’

उन्होंने कहा, “स्टार्टअप से लेकर विज्ञान तक, खेल से लेकर उद्यमिता तक, युवा शक्ति एक नई क्रांति ला रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, अटल टिंकरिंग लैब्स और मेरा युवा भारत अभियान सहित हमारी नीतियां हमारे युवाओं की प्रतिभा को निखारने के लिए बनाई गई हैं। फिट इंडिया पहल और सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान का उद्देश्य विकसित भारत की ओर मार्ग प्रशस्त करना है।”

‘भारत के युवा ने हर क्रांति में अपना योगदान दिया’

प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं से सभी क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने का लक्ष्य रखने का आग्रह किया और दोहराया कि उनके नवाचार और नेतृत्व से आत्मनिर्भर भारत का निर्माण हो सकता है। उन्होंने कहा, “इतिहास से वर्तमान तक, भारत की प्रगति में हमेशा युवा ऊर्जा की बड़ी भूमिका रही है। आजादी की लड़ाई से लेकर 21वीं सदी के जनांदोलनों तक, भारत के युवा ने हर क्रांति में अपना योगदान दिया है।” 

‘युवा जिस सेक्टर में हों उसे बेस्ट बनाने के लिए काम करें’

आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा, ‘वीर बाल दिवस’ हमें प्रेरणाओं से भरता है और नए संकल्पों के लिए प्रेरित करता है। मैंने लाल किले से कहा है कि अब बेस्ट ही हमारा स्टैंडर्ड होना चाहिए। मैं अपनी युवा शक्ति से कहूंगा कि वो जिस सेक्टर में हों उसे बेस्ट बनाने के लिए काम करें।

राजनीति में युवाओं की अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करते हुए पीएम ने कहा…

उन्होंने राजनीति में युवाओं की अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करते हुए कहा, “भारत के युवाओं में हर क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व करने की शक्ति है। मैं उनसे आधुनिक राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह करता हूं ताकि नए दृष्टिकोण सामने आएं और प्रगति को गति मिले।” 

इस कार्यक्रम का समापन साहिबजादों की बहादुरी और देश के युवाओं की प्रतिज्ञा से प्रेरित होकर भारत के लिए नए मील के पत्थर हासिल करने की दिशा में सामूहिक प्रयासों के आह्वान के साथ हुआ। इससे पहले उन्होंने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं से भी बातचीत की। 

राष्ट्रपति ने 17 बच्चों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार किए प्रदान 

इस दिन युवा उपलब्धि हासिल करने वालों को सम्मानित किया गया और शहीद साहिबजादों को उनके बलिदान और बहादुरी के लिए श्रद्धांजलि दी गई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित एक समारोह में 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सात लड़कों और 10 लड़कियों सहित 17 बच्चों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्रदान किए।

बताना चाहेंगे पुरस्कार सात श्रेणियों में प्रदान किए गए – कला और संस्कृति, बहादुरी, नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सामाजिक सेवा, खेल और पर्यावरण। 

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आखरी अपडेट: 27th Dec 2024