प्रतिक्रिया | Wednesday, January 22, 2025

  • Twitter
  • Facebook
  • YouTube
  • Instagram

राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, सत्र की उत्पादकता मात्र 40.03 प्रतिशत

अंबेडकर और उसके बाद गुरुवार को सांसदों के बीच हुई धक्का मुक्की के मुद्दे को लेकर हंगामे के बीच शुक्रवार को राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। शुक्रवार को सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। सभापति जगदीप धनखड़ ने पहले सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित की।

राज्यसभा के 12 सांसद को नामित गया किया
उसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने पर ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के लिए राज्यसभा के 12 सांसद को नामित किया गया। इनमें सांसद घनश्‍याम तिवाड़ी, भुवनेश्‍वर कलिता, के. लक्ष्‍मण, कविता पाटीदार, संजय कुमार झा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल बालकृष्ण वासनिक, साकेत गोखले, पी. विल्सन, संजय सिंह, मानस रंजन मंगराज और वी. विजयसाई रेड्डी शामिल हैं। इस सप्ताह के शुरुआत में लोकसभा से 27 सदस्यों को जेपीसी के लिए नामित किया गया था।

सभापति ने शीतकालीन सत्र का दिया समापन भाषण
शुक्रवार को सभापति जगदीप धनखड़ ने सभा के शीतकालीन सत्र में अपने समापन भाषण में कहा कि संविधान की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर इस सत्र का समापन करते हुए हमें गंभीर चिंतन का क्षण देखना पड़ रहा है। ऐतिहासिक संविधान सदन में संविधान दिवस मनाने का उद्देश्य लोकतांत्रिक मूल्यों की पुष्टि करना था लेकिन इस सदन में हुए कार्य एक अलग कहानी बयां करते हैं।

उत्पादकता मात्र 40.03 प्रतिशत
उन्होंने कहा कि इस सत्र की उत्पादकता मात्र 40.03 प्रतिशत है, जिसमें केवल 43 घंटे और 27 मिनट ही प्रभावी कामकाज हुआ।
उन्होंने कहा कि सांसदों के रूप में हम भारत के लोगों से कड़ी आलोचना का सामना कर रहे हैं। संसद की कार्यवाही में लगातार व्यवधान हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों में जनता के विश्वास को लगातार कम कर रहे हैं। इस सत्र में तेल क्षेत्र संशोधन विधेयक और बॉयलर्स विधेयक 2024 पारित किया गया और भारत-चीन संबंधों पर विदेश मंत्री का बयान सुना लेकिन इन उपलब्धियों से कहीं ज्यादा इस सदन की विफलताएं रही हैं। सभापति ने कहा कि संसदीय विचार विमर्श से पहले मीडिया के माध्यम से नोटिसों को प्रचारित करने और नियम 267 का सहारा लेने की बढ़ती प्रवृत्ति हमारी संस्थागत गरिमा को और कम करती है। भारत के 1.4 बिलियन नागरिक हमसे बेहतरी की उम्मीद करते हैं।

आगंतुकों: 15369426
आखरी अपडेट: 21st Jan 2025