उत्तराखंड में नियम एवं क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने आज (शुक्रवार) देहरादून में विशेषज्ञ समिति समान नागरिक संहिता उत्तराखंड की रिपोर्ट जारी कर दी है। नागरिक संहिता (यूसीसी) पर शोध रिपोर्ट यूसीसी का आधार थी, उसे आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। इसका उद्देश्य लोगों को यूसीसी के बारे में जागरूक करना है।
नियम एवं क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने कहा, “समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड, 2024 की विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पढ़ने के लिए आप वेबसाइट http://ucc.uk.gov.in पर जा सकते हैं। यह 4 खंडों में उपलब्ध है।” यूसीसी पोर्टल पर जाकर इस रिपोर्ट को हिंदी और अंग्रेजी में पढ़ा जा सकता है।
दरअसल उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की नींव रखने से पहले भारत के वैदिक काल से लेकर संविधान सभा के गठन तक गहन अनुसंधान किया गया था। उत्तराखंड सरकार ने यूसीसी (UCC) का कानून तो पारित कर दिया लेकिन उस शोध रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया था। यूसीसी की बुनियाद में रही उस शोध रिपोर्ट को आज (12 जुलाई, 2024) सार्वजनिक कर दिया गया है। उत्तराखंड सरकार यूसीसी कानून और पोर्टल को लागू करने से पहले अनुसंधान रिपोर्ट को जनता के सामने लाना चाहती थी, ताकि आम लोगों जान उन तथ्यों को जान जाएं, जिनकी वजह से यूसीसी कानून पारित किया गया।
यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) का मतलब है कि हर धर्म, जाति, संप्रदाय, वर्ग के लिए पूरे देश में एक ही नियम। दूसरे शब्दों में कहें तो समान नागरिक संहिता का मतलब है कि पूरे देश के लिए एक समान कानून के साथ ही सभी धार्मिक समुदायों के लिये विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने के नियम एक ही होंगे।
गौरतलब हो, देश में उत्तराखंड पहला ऐसा राज्य है, जहां यूसीसी को कानून बनाया गया है। हालांकि अभी इसे लागू नहीं किया गया है। प्रदेश में इसी साल अक्टूबर के महीने तक यह कानून लागू होने संभावना है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी पर जारी हुई रिपोर्ट पर खुशी जाहिर की, उन्होंने मीडिया से कहा, “यूसीसी हमारे राज्य का वह काम है जिसके लिए जनता ने हमें चुना था, मैं उत्तराखंड की जनता को बहुत बधाई देता हूं, निश्चित रूप से यूसीसी लागू होने के बाद अनेक कानूनों में जो आज जटिलताएं हैं वह सरल होंगी, लोगों को आसानी से न्याय मिलेगा, सबके लिए एक जैसी व्यवस्था होगी।”