देश में सड़क मार्ग के जरिए कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए लगातार बॉर्डर एरिया में रोड का जाल बिछाया जा रहा है। ऐसे में पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) में पिछले दस वर्षों के दौरान निर्मित राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) की कुल लंबाई 9,984 किलोमीटर है। इस पर 1,07,504 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, जबकि 1,18,894 करोड़ रुपये की लागत से 265 एनएच परियोजनाओं पर काम चल रहा है जिनकी कुल लंबाई 5,055 किलोमीटर है।
दरअसल, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय पूर्वोत्तर क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास पर विशेष ध्यान देता है। ऐसे में इस बार कुल बजट का 10 प्रतिशत पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए निर्धारित किया गया है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए कई पहल की गई हैं:
–उत्तर पूर्व के लिए विशेष त्वरित सड़क विकास कार्यक्रम (एसएआरडीपी-एनई) चलाया जा रहा है जिसका उद्देश्य राज्यों की राजधानियों को 2/4 लेन में जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों का उन्नयन करना, पूर्वोत्तर के जिला मुख्यालयों को कम से कम 2-लेन सड़क से जोड़ना, सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए पूर्वोत्तर के पिछड़े और दूरदराज के क्षेत्रों में सड़क संपर्क प्रदान करना, सीमावर्ती क्षेत्रों में सामरिक महत्व की सड़कों में सुधार करना और पड़ोसी देशों से संपर्क में सुधार करना है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में अरुणाचल पैकेज सहित एसएआरडीपी-एनई के तहत स्वीकृत कार्यों की कुल लंबाई 5,468 किलोमीटर है जिसके लिए 63,542 करोड़ रुपये की लागत स्वीकृत है। इनमें से 3,699 किलोमीटर लंबाई 38,160 करोड़ रुपये की लागत से पूरी हो चुकी है।
–एनएचडीपी चरण-III के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र में कुल 110 किलोमीटर लंबाई के राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया है।
–भारतमाला परियोजना के तहत, पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्वीकृत कार्यों की कुल लंबाई 2,767 किलोमीटर है, जिसकी लागत 64,319 करोड़ रुपये है। इनमें से, 5,462 करोड़ रुपये की लागत से 272 किलोमीटर की कुल लंबाई के कार्य पूरे हो चुके हैं।
–11,643 करोड़ रुपये की लागत से 1,077 किलोमीटर की कुल लंबाई के साथ तवांग से कनुबारी तक ट्रांस-अरुणाचल राजमार्ग को मंजूरी दी गई। इनमें से, 8,708 करोड़ रुपये की लागत से 815 किलोमीटर की कुल लंबाई के कार्य पूरे हो चुके हैं।
–अरुणाचल प्रदेश में सीमांत राजमार्ग का निर्माण रणनीतिक महत्व वाले सीमावर्ती क्षेत्रों में बेहतर संपर्क प्रदान करने तथा सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय तथा केंद्रीय सड़क एवं अवसंरचना निधि से वित्त पोषण के साथ, 29,562 करोड़ रुपये की लागत से कुल 1,498 किलोमीटर लंबाई के साथ कुल 41 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।