सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम का गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने औपचारिक स्वागत किया। बताना चाहेंगे सिंगापुर के राष्ट्रपति के रूप में उनकी यह पहली यात्रा है जो दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है।
पत्रकारों से बात करते हुए सिंगापुर के राष्ट्रपति ने कहा…
अपने औपचारिक स्वागत के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सिंगापुर के राष्ट्रपति ने कहा, “हम कभी नहीं भूलेंगे कि भारत 1965 में सिंगापुर की स्वतंत्रता को मान्यता देने वाले पहले कुछ देशों में से एक था और तब से हमारे संबंध तेजी से बढ़े हैं। छोटे देश सिंगापुर और बड़े देश भारत के बीच यह स्वाभाविक साझेदारी है, लेकिन हम अपने आपसी हितों में सहयोग करने के तरीके खोजते हैं।”
भारत में सबसे बड़ा निवेशक सिंगापुर
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सिंगापुर भारत में सबसे बड़ा निवेशक है और दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध भी मजबूत हैं, जो आगे भी बढ़ते रहेंगे। उन्होंने कहा, “हम अब भारत के साथ अपने संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी में उन्नत करने के साथ एक नए पथ पर हैं, जिसकी घोषणा पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री मोदी की सिंगापुर यात्रा के दौरान की गई थी। हम अपने मौजूदा सक्रिय संबंधों से परे नई पहलों की खोज कर रहे हैं। हम उन्नत विनिर्माण और सेमीकंडक्टर, नई पीढ़ी और नेट जीरो औद्योगिक पार्कों के साथ-साथ शामिल नए उद्योगों के कौशल पर सहयोग करने पर काम कर रहे हैं।”
दोनों देश डिजिटलीकरण और स्थिरता के क्षेत्र में मिलकर कर रहे काम
सिंगापुर के राष्ट्रपति शनमुगरत्नम ने कहा कि भारतीय और सिंगापुर के नेता “एक-दूसरे की बात समझते हैं” और उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश डिजिटलीकरण और स्थिरता के क्षेत्र में मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “सिंगापुर भारत की विकसित देश बनने की महत्वाकांक्षा – विकसित भारत 2047 में निवेश कर रहा है।”
ज्ञात हो, सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन मंगलवार शाम को नई दिल्ली पहुंचे और बुधवार को उच्च स्तरीय चर्चा में शामिल हुए। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सेमीकंडक्टर, औद्योगिक पार्क, कौशल, डिजिटलीकरण और व्यापार विकास सहित द्विपक्षीय सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रपति से मुलाकात की। बैठक के बाद डॉ. जयशंकर ने एक्स पर कहा, “आज सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम से मुलाकात करके बहुत खुशी हुई। सेमीकंडक्टर, औद्योगिक पार्क, कौशल विकास, डिजिटलीकरण और व्यापार विकास में हमारे सहयोग पर चर्चा की। मुझे विश्वास है कि उनकी राजकीय यात्रा हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को नई गति प्रदान करेगी।”
मंत्रियों, संसद सदस्यों और अधिकारियों के एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ, सिंगापुर के राष्ट्रपति का आज गुरुवार को राष्ट्रपति मुर्मु और प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने का कार्यक्रम है। वहीं नई दिल्ली में अपनी व्यस्तताओं के पश्चात, वह 17-18 जनवरी को ओडिशा का दौरा भी करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों पर डाली रोशनी
वहीं विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर देते हुए कहा कि यह दोस्ती, विश्वास और आपसी सम्मान पर आधारित है। सितंबर 2024 में प्रधानमंत्री मोदी की सिंगापुर यात्रा के दौरान संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले सिंगापुर की अपनी यात्रा के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की ताकत को स्वीकार किया था। उन्होंने आगे भी सहयोग की संभावना पर ध्यान दिया, खासकर सामाजिक और डिजिटल निवेश जैसे क्षेत्रों में और भारत के एक अग्रणी वैश्विक विकास केंद्र के रूप में उभरने पर। राष्ट्रपति थर्मन की यात्रा से व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूती मिलने और आपसी हितों के प्रमुख क्षेत्रों में गहन सहयोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।