प्रतिक्रिया | Tuesday, April 01, 2025

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देश के वैज्ञानिक अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी विकास क्षेत्र को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने विज्ञान धारा योजना के लिए आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि की है। बजट आवंटन में 2024-25 के 330.75 करोड़ रुपए से 2025-26 में 1425.00 करोड़ रुपए तक की पर्याप्त वृद्धि देखी गई है। एकीकृत योजना ‘विज्ञान धारा’ के कार्यान्वयन के लिए प्रस्तावित परिव्यय 15वें वित्त आयोग के अनुरूप 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए 10,579.84 करोड़ रुपए है। मार्च 2025 तक 57,869 व्यक्तिगत लाभार्थियों ने इस योजना का लाभ उठाया है।

16 जनवरी 2025 से लागू हुई विज्ञान धारा योजना

विज्ञान धारा केंद्र सरकार द्वारा वैज्ञानिक अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी विकास को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई एक व्यापक योजना है। यह योजना 16 जनवरी 2025 से लागू हुई। इसमें तीन प्रमुख योजनाओं, विज्ञान और प्रौद्योगिकी (एस एंड टी), शोध एवं विकास (आरएंडडी) और नवाचार, प्रौद्योगिकी विकास और परिनियोजन को एकीकृत किया गया है। विज्ञान धारा’ योजना का प्राथमिक उद्देश्य देश में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार से संबंधित इकोसिस्टम को मजबूत करने की दिशा में विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी संबंधी क्षमता निर्माण के साथ-साथ अनुसंधान, नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देना है।

योजना के लाभार्थियों में 10-15 वर्ष की आयु के युवा छात्र

विज्ञान धारा योजना के तहत सभी कार्यक्रम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के 5-वर्षीय लक्ष्यों के अनुरूप हैं, जो विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण में योगदान करते हैं। इस योजना के लाभार्थियों में 10-15 वर्ष की आयु के युवा छात्र शामिल हैं और वे कक्षा VI से X में पढ़ रहे हैं और इंस्पायर-मानक (मिलियन माइंड्स ऑगमेंटिंग नेशनल एस्पिरेशन एंड नॉलेज) कार्यक्रम के तहत लाभ उठा रहे हैं । यह पहल वैज्ञानिक सोच एवं दृष्टिकोण का पोषण करते हुए शोध करियर को प्रोत्साहित करती है और छात्रों के बीच नवाचार को बढ़ावा देती है।

तेलंगाना में 4002 लाभार्थियों ने योजना का लाभ उठाया

गौरतलब हो, तेलंगाना में, 4002 लाभार्थियों ने इस योजना का लाभ उठाया है, जिसमें 10 मार्च, 2025 तक 3.3 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। वहीं, बजट आवंटन में वृद्धि से राज्य स्तरीय वैज्ञानिक पहलों को और मजबूती मिलेगी, जिससे अधिक से अधिक व्यक्तियों और संस्थानों को लाभ मिल सकेगा।

विज्ञान धारा के प्रमुख केंद्र बिंदु इस प्रकार हैं –

1. क्षमता निर्माण

शैक्षणिक संस्थानों में उन्नत अनुसंधान प्रयोगशालाओं की स्थापना
संकाय विकास और छात्र अनुसंधान को बढ़ावा देना
अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देना

2. शोध और विकास

  • अंतर्राष्ट्रीय वृहत सुविधाओं तक पहुंच के साथ बुनियादी शोध को प्रोत्साहित करना
  • टिकाऊ ऊर्जा, जल आदि जैसे क्षेत्रों में पारदेशीय अनुसंधान को बढ़ावा देना।
  • अंतर्राष्ट्रीय द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग के माध्यम से सहयोगी शोध को बढ़ावा देना
  • देश के शोध एवं विकास आधार का विस्तार करने तथा पूर्णकालिक (एफटीई) शोधकर्ताओं की संख्या में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण मानव संसाधन पूल के निर्माण में योगदान देना।

3. नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास

  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी में स्टार्टअप और उद्यमियों को बढ़ावा देना
  • प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और व्यावसायीकरण को सुविधाजनक बनाना
    स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास को बढ़ावा देना
  • लक्षित समाधान कार्यक्रम के माध्यम से स्कूल स्तर से लेकर उच्च शिक्षा , उद्योगों और स्टार्टअप तक नवाचार प्रयासों को सुदृढ़ बनाना

4. विज्ञान और प्रौद्योगिकी में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना

  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए केंद्रित कार्यक्रमों का क्रियान्वयन
  • महत्वपूर्ण समाधान कार्यक्रमों और योजनाओं के माध्यम से विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई) में लैंगिक समानता सुनिश्चित करना

5. अंतर्राष्ट्रीय सहयोग

  • संयुक्त शोध परियोजनाओं को बढ़ावा देना
  • अंतर्राष्ट्रीय शोधकर्ताओं के साथ ज्ञान के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना
  • वैश्विक वैज्ञानिक दिग्गज के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करना।

वैज्ञानिक जागरूकता का प्रसार करना

विज्ञान धारा को पूरे देश में लागू किया गया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने इसके बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं-

  • प्रिंट, सोशल और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर व्यापक मीडिया कवरेज
  • विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में व्यापक जानकारी प्रदान करने वाला एक समर्पित वेब पोर्टल
  • योजनागत लाभों के बारे में जानकारी प्रसारित करने के लिए हितधारकों के साथ सक्रिय सहभागिता।

विज्ञान धारा योजना, नवाचार को बढ़ावा देने, शोध क्षमताओं को मजबूत करने और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देकर भारत के वैज्ञानिक परिदृश्य में क्रांति लाने के लिए तैयार है। वहीं, केंद्र सरकार की ओर से की गई बजटीय आवंटन वृद्धि से पता चलता है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी में वैश्विक दिग्गज के रूप में भारत की स्थिति को आगे बढ़ाने के लिए वह प्रतिबद्ध है।

 

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आखरी अपडेट: 1st Apr 2025