प्रतिक्रिया | Saturday, July 12, 2025

  • Twitter
  • Facebook
  • YouTube
  • Instagram

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है। दरअसल ग्लोबल रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी) ने कहा कि उसने भारत के लिए अपने आउटलुक को बदलकर स्टेबल से पॉजिटिव में संशोधित कर दिया है। रेटिंग एजेंसी ने भारत के मजबूत विकास और सरकारी खर्च की बढ़ती क्वालिटी की वजह से ये फैसला लिया है। केवल इतना ही नहीं, रेटिंग एजेंसी ने देश की ‘बीबीबी-‘ लॉन्ग टर्म और ‘ए-3’ शॉर्ट टर्म अवांछित फॉरेन और लोकल करेंसी सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग की भी पुष्टि की। 

भारत सरकार का कर्ज का बोझ कम होने की जताई उम्मीद

इसके अलावा एसएंडपी ने यह भी कहा कि अगले 24 महीनों में रेटिंग ऊंची हो सकती है। रेटिंग एजेंसी ने बताया कि भारत के मजबूत आर्थिक विस्तार का उसके क्रेडिट मेट्रिक्स पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अगले दो से तीन वर्षों में मजबूत आर्थिक बुनियादी ढांचे विकास की गति को सहारा दें। 

लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर भी एसएंडपी ने दिया आउटलुक

वहीं चुनाव के नतीजों के बावजूद, आर्थिक सुधारों और राजकोषीय नीतियों में व्यापक निरंतरता की भी उम्मीद की गई है।एसएंडपी ने कहा कि सतर्क राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों के साथ, ये कारक सरकार के बढ़े हुए कर्ज और ब्याज के बोझ को कम कर सकते हैं, आर्थिक लचीलापन बढ़ा सकते हैं और संभावित रूप से अगले 24 महीनों के भीतर उच्च रेटिंग की ओर ले जा सकते हैं।

ऐसे में भारत के आर्थिक आंकड़ों पर एसएंडपी ने कहा कि अगर देश का राजकोषीय घाटा सार्थक रूप से कम हो जाता है, तो वह रेटिंग बढ़ा सकता है। जैसे कि अगर सामान्य सरकारी कर्जों में नेट इंफ्रास्ट्रक्चर बेस पर लोन भारत की जीडीपी के 7 फीसदी से कम हो जाता है तो इसे अच्छा संकेत माना जाएगा। (इनपुट-रॉयटर)

आगंतुकों: 32712181
आखरी अपडेट: 11th Jul 2025